जैसा सोचोगे वैसा ही होगा अच्छा सोचोगे अच्छा ही होगा बुरा सोचोगे बुरा ही होगा जैसा चाहते हो वैसा ही होगा बस सोच अपनी सही बना लो मनमाफिक अपना भाग्य बना लो जैसा खुद बनोगे वैसे सब बनेंगे तुमसे ही सबके भाग्य बनेगे खुद को खुद का आईना बना लो […]

फ़ाग का पहला रंग लगे प्रभु के संग फ़ाग का दूसरा रंग लगे बुजुर्गों के संग फ़ाग का तीसरा रंग नारी सम्मान के संग फ़ाग का चौथा रंग बच्चों की मुस्कान संग फ़ाग का पांचवा रंग देश की रक्षा के संग फ़ाग का छठा रंग शहीद की याद संग फ़ाग […]

रचता ने जब रचना का जिम्मा स्वयं के कंधों पर उठा लिया लेखराज को ब्रह्माबाबा बना युग परिवर्तन रथ चला दिया इसी यज्ञ में आहुति देने को जानकी कन्या ने जन्म लिया सन उन्नीस सौ सोलह के साल में एक जनवरी को अवतरण लिया ओम मंडली से जुड़कर जानकी परमात्मा […]

स्वहित को भूलकर परहित रखिए ध्यान जीवन के हर मोड़ पर स्वयं को निमित्त जान करने वाला कोई ओर है फिर कैसा अभिमान हम तो केवल कठपुतली नचाता हमे भगवान झूठ फरेब किस काम के सिर पर चढ़ता पाप जब करनी का दंड मिले अकेला करे सन्ताप।#श्रीगोपाल नारसन Post Views: […]

मिले सभी को सम्मान ऐसा आचरण कीजिए न रहे कोई अभिमान ऐसा स्वमान लीजिये हो परमात्मा से प्यार ऐसा गुणगान कीजिये हो सबका कल्याण ऐसी दुआये दीजिये गैर भी अपने हो जाय ऐसा व्यवहार कीजिये परमात्म याद बनी रहे ऐसा राजयोग कीजिए।#श्रीगोपाल नारसन Post Views: 233

अपेक्षा किसी से करो नही सहायता किसे से मांगो नही स्वयं की शक्ति को पहचानो अपनी अन्तरात्मा को जानो अपनी सहायता जो खुद करते है परमात्मा उनकी शक्ति बनते है यह शक्ति परमार्थ के लिए हो जगत के कल्याण के लिए हो इससे सुखद राह बन जाएगी समस्याएं सब हल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।