हैं धन्य हरीश साल्वे जी, जो बने मसीहा भूषण के थूका है आज़ उन्होंने मुँह पर उस स्वराज के भूषण के। ये एक तमाचा ही समझो, पाकिस्तानी मंसूबों पर गहरा हो गया कुठाराघात पाकिस्तानी महबूबों पर। दुनिया देखे अब दौर नहीं, जब हम घुट-घुटकर जीते थे बेबस होते सबके आगे […]
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मित्रों,आज विश्व रचनात्मकता दिवस पर बात अपने-अपने भीतर छुपी रचनात्मकता की। विधाता की सर्वश्रेष्ठ कृति के नाते हम सबमें कोई- न-कोई रचनात्मकता अवश्य छिपी है। आवश्यकता सिर्फ उसे पहचानने की है। रचनात्मकता सिर्फ लेखन,प्रकाशन,चित्रकारी,कलाकारी, अभिनय,गायन-वादन आदि तक ही सीमित नहीं है। इसका फलक इतना व्यापक है कि, उसे किसी एक […]