पुस्तक :पापा ने सही कहा था (बाल कहानी संग्रह) लेखिका : इंदिरा त्रिवेदी प्रकाशक : भव्या पब्लिकेशन (मध्य प्रदेश) मूल्य : रुपए 200 मात्र अक्सर कहा जाता है कि नैतिक मूल्यों ,विज्ञान के क्षेत्र में हो रही तरक्की, सामाजिक व्यवहार, शिष्टाचार और मिलनसारिता जैसे विषयों की जानकारी बच्चों को देना […]

साहित्यकारों ने किया हवन और पूजन गाज़ियाबाद। हिन्दी के प्रचार के लिए मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा विगत चार वर्षों से सितम्बर माह को हिन्दी माह के रूप में मनाया जाता है। इसी तारतम्य में दिल्ली इकाई द्वारा में हिन्दी महोत्सव 2023 का शुभारंभ रामा मोटर्स पर संस्थान के पदाधिकारियों और […]

भगवान लक्ष्मी नारायण के दरबार में हुआ हिन्दी का पूजन इंदौर। हिन्दी के प्रचार-प्रसार और विस्तार के लिए मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा विगत चार वर्षों से सितम्बर माह को हिन्दी माह के रूप में मनाया जाता है। हिन्दी महोत्सव 2023 का शुभारंभ शहर के पंचमुखी हनुमान मंदिर, मालवा मिल व […]

इन्दौर। श्रावण माह के अंतिम सोमवार पर इन्दौर प्रेस क्लब व मातृभाषा उन्नयन संस्थान के तत्त्वावधान में रत्न हाउस के सहयोग से इन्दौर प्रेस क्लब स्थित बिलपत्रेश्वर महादेव पर प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी, मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन, समाजसेवी सुधीर सोनी व जयसिंह रघुवंशी ने […]

महू। कवि सम्मेलन शताब्दी वर्ष निमित्त मातृभाषा डॉट कॉम द्वारा बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की जन्मस्थली महू के चौपाल सागर में काव्य उत्सव आयोजित किया गया। इस अवसर पर चौपाल सागर के मॉल इंचार्ज इंदरसिंह पटेल, मातृभाषा के संस्थापक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ व स्टोर इंचार्ज अनीशधर द्विवेदी बतौर अतिथि […]

● डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ सृष्टि की सबसे प्राचीन संस्कृति सनातन संस्कृति है और इसके प्रत्येक उपक्रम, विधान, कर्मकाण्ड और प्रत्येक क्रिया के केन्द्र में ‘समाज’ विद्यमान है। उसी पुरातन संस्कृति में आराधना का एक विधान उपवास भी है। लोकाचार अथवा श्रद्धानुसार लोग उपवास करते हैं। लेकिन उपवास का सही […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।