मेहनत करके जीना सीख। मत माँगो फैलाकर भीख। ध्यान लगाकर करो कमाई। छानों घर पर छाछ मलाई।। जो फोकट की ले मजदूरी। कभी न होती कामना पूरी।। मेहनत से हो गदगद सीना। वही मिले जो प्रभु है दीना।। मेहनत की एक सूखी रोटी। फीका लगता हीरा व मोती।। ध्यान मगन […]

भरे नयन बरसता स्नेह ढ़ले जीवन।१ बहती धार ये नयन बेचैन उदासी ढूँढे।२ जिंदे नयन रखकर छवियाँ जीवन भर।३ खुशियाँ ढेर नयन देखकर रोती दिखती।४ गहरी बातें रखकर नयन ये मचलती ।५ प्रतियोगिता इत्तर प्रेम गहरा नयन रखकर बढ़ता रहे।१ राहें ताकती तरसते रहते नयन धरे।२ #नवीन कुमार भट्ट परिचय […]

मेरी साईकिल चली बाजार। करता दिल इसका आभार।। जब चाहो इसको ले जाओ। अपना जीवन सरस बनाओ।। कभी न प्रकृति दूषित करता। लिये सवारी आगे को बढ़ता।। दादा दादी बाजार जब जाते। साईकिल अपनें संग ले जाते।। सड़क न उखड़े जब ये आती। बिल्कुल कभी नहीं घबराती।। जब सड़कों पर […]

प्रकृति सहनशीलता की जननी है। कल आज व कल की वैतरिणी है। कभी किसी को दोषी न ठहराती। बड़े प्रेम से मानव को है समझाती।। प्रकृति की सुन्दरता वृक्ष कहलाते। मानव के प्राणाधार यही बन जाते।। हरियाली की चादर ओढ़े सरसाती। मानव करता जुल्म ये चुप रह जाती।। सुनले मानव […]

जहाँ प्रेम की वर्षा होती। सच्चे दिल से चर्चा होती।। प्रेम दिखाता अलग प्रभाव। नहीं दिखाता तनिक दवाब।। प्रेम जगत का असली सार। हर राहों पर देता अधिकार।। अगर नहीं है दिल में प्यार। लाखों विद्या का बंटाधार।। प्रेम है जीवन में अनमोल। इसका विना खत्म है रोल।। #नवीन कुमार […]

बन प्रणेता                   ।भरा मानस मानस रचकर            ।  दिलाये पहचान दिया आधार।१     ।       तुलसी ज्ञान।२ ममत्व भरा                   ।दिये तुलसी सिखलाये मर्यादा।           मार्गदर्शिका बन मानस शब्द।३             तपस्या फल।४ मिले निदान                   मानस धार हरिशरण पथ                हरता है चिंतन मानस पाठ।५             शब्दों में सार।६ जगत गान                          महान कवि करता निरंतर                      छोडकर निकले मानस पाठ।७                     […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।