एक तरफ कर्त्तव्य रखा हो, दूजे ओर रखा अधिकार। तौल करें हम हृदय तुला से, फिर लघु-गुरु का करें विचार॥ छोड़ कर्म को,बस केवल हम, स्वार्थ भावना के आधीन। ऐसे देश नहीं सुधरेगा, जल बिनु नहीं बचेगी मीन॥ हक को भूल,कर्म के पथ पर, मौन खड़े क्यों? कदम बढ़ाए। […]
सीमा के बाहर से दुश्मन, सरहद के भीतर गद्दार। दोनों एक हुए हैं मिलकर, इन्हें पठाओ यम के द्वार॥ एक हाथ में पत्थर,दूजे हाथ लिए घातक हथियार। भारत माता को पहनाओ, ऐसे नरमुंडों के हार॥ भरतवंशियों! निंद्रा त्यागो, रक्तबीज का करो सफाय। अब तो जागो मीत हमारे, […]
कारण जो बर्बादी के हैं, वही पूछते कारण बोल। बेइमान के हाथ तराजू, मनचाहे बांटों से तौल॥ जिसकी लाठी भैंस उसी की, जंगलराज हुआ आबाद। डोली उनके ही हाथों में, दुल्हन नहीं क्यों हो […]
भारतीय अनमोल धरोहर, सबके अन्त: में हो योग। संयम का यह महामूल है, इससे काया रहे निरोग। अजर अमर जीवन पाने के, हेतु करें नित प्राणायाम। ओम जाप यदि मुश्किल हो तो, जप लें केवल राघव राम। योग साँस का लेना-देना, करें योग, जीवन मुस्काय। अब तो जागो […]
अहिँसा परमो धर्म हमारा, पर आगे की सुन लो बात। निजरक्षा के हेतु चलाना, आता हमको घूँसा-लात॥ मातृभूमि होती सर्वोपरि, अगर दिखाई उस पर आँख। भूल अहिंसा को जाएंगे, काटेंगे नव अंकुर पाँख॥ शस्त्र और शास्त्र दोनों ही, रामायण गीता सिखलाय। अब तो जागो मीत हमारे, ‘अवध’ सभी को […]
कह गये कबिरा रहीमा प्यार ही है बंदगी। प्यार करने से मिटे मानस की सारी गंदगी। प्यार ही है भक्ति संगत प्यार ही है साधना। प्यार का ही नाम दूजा है अवध अब जिन्दगी॥ प्यार करने की सज़ा देती रही लेता रहा। दिल […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।