1

मोदी और महबूबा की,  टूटनी एक दिन कमान थी, धधकती मोदी के दिल में, देश की आन बान शान थी। जब राष्ट्रप्रेम में थोड़ी भी, जलने की गंध आती हो, बुनियाद  खोखली करने को, दीमक जब लग जाती हो। मोदी जी का माथा ठनका, तोड़ दिया जो गठबंधन था, मुक्ति […]

नभ सुन्दर छवि छाई ऊषा सजधज आई बिखरी स्वर्णिम आभा           भानु किरण छाई बालरवि शोभा सजी खलबली नभ में मची नीड़ में कलरव हुआ         चिडिय़ा चहचाई मन्द पवन झोंकों से तरु  नवल कोंपलों से झूम रही डाल डाल       […]

आओ अपना अभिनय करें अपना अपना पार्ट अदा करें कोई किस भेष में कोई किस हम रोज नित नए सजा करें जिंदगी एक रंगमंच है भाई रोल खत्म तो जिंदगी खत्म सारे रिश्ते कुछ क्षणों के लिए लड़ाई झगड़े मन मुटाव देखे जिंदगी के सुख दुख सहेजते हम दौड़ रहे […]

2

 जब लगे कि काले बालों में सफेद आने लगे हैं, तभी समझो कि अच्छे दिन जाने लगे हैं। शुगर का मीटर चढ़ने लगे, ब्लड प्रेशर घटने और बढ़ने लगे। कमजोरी सिर चढ़ कर बोले, कंठ का स्वर भी धीमा बोले। सांसे लगे हिलकोरे मारने, थकन चले आपको ललकारने। अगर नींद […]

तू है मेरा सनम, मुझे लागी लगन, बस इश्क है तुझसे तुझसे सनम। इसकी मुझको खबर, पर लगता है डर, दूर हो न जाए ,मुझसे मुझसे सनम  । बेताबियाँ दिल की बे खौफ करने लगी, अब दूरियाँ दिल को खटकने लगी। यही मेरा है हाल ,पर बताऊँ किसे, तूने भी […]

जिन्दगी है  ऐसी कली। जो काँटों के बीच पली। पल्लवों संग झूल झूले, महकी सुमन बनकर खिली। जिन्दगी  राहें अनजानी। किसकी रही ये पहचानी। कहीं पुष्पसज्जित राजपथ, कहीं पगडण्डियाँ पुरानी। जिन्दगी सुख का सागर । जिन्दगी नेह की गागर। किसी की आँखों का नूर , धन्य विश्वास को पाकर।  जिन्दगी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।