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जब लगे कि काले बालों में सफेद आने लगे हैं,
तभी समझो कि अच्छे दिन जाने लगे हैं।
शुगर का मीटर चढ़ने लगे,
ब्लड प्रेशर घटने और बढ़ने लगे।
कमजोरी सिर चढ़ कर बोले,
कंठ का स्वर भी धीमा बोले।
सांसे लगे हिलकोरे मारने,
थकन चले आपको ललकारने।
अगर नींद के थपेड़े वेसमय आने लगे हैं,
तभी समझो कि अच्छे दिन जाने लगे हैं।
माना कि समाज आपका मान करेगा,
होगा सपूत तो सम्मान भी करेगा।
मगर रोग हर खिड़की से झांकेंगे,
परेशान करने की राह ताकेंगे।
तब आप का योग उस समय काम आएगा,
थकान भरी शाम को सुखद बनाएगा।
गर, रोग रुपी राक्षस आपको दबाने लगे हैं,
तभी समझो कि अच्छे दिन जाने लगे हैं।
पक्की दोस्त जब दवा हो जाए,
नाश्ते के बाद जरूरी हो जाएं।
ख्वाबों के लिए नींद अधूरी रहे,
देर सुबह उठना आपकी मजबूरी रहे।
जीवन में अब कमजोरी का साया हो,
दर्द से कराहती आपकी सुंदर काया हो।
गर, घरवाले भी आपको समझाने लगे हैं,
तभी समझो कि अच्छे दिन जाने लगे हैं।
#अतुल कुमार शर्मा
परिचय:अतुल कुमार शर्मा की जन्मतिथि-१४ सितम्बर १९८२ और जन्म स्थान-सम्भल(उत्तरप्रदेश)हैl आपका वर्तमान निवास सम्भल शहर के शिवाजी चौक में हैl आपने ३ विषयों में एम.ए.(अंग्रेजी,शिक्षाशास्त्र,समाजशास्त्र)किया हैl साथ ही बी.एड.,विशिष्ट बी.टी.सी. और आई.जी.डी.की शिक्षा भी ली हैl निजी शाला(भवानीपुर) में आप प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में कार्यरत हैंl सामाजिक क्षेत्र में एक संस्था में कोषाध्यक्ष हैं।आपको कविता लिखने का शौक हैl कई पत्रिकाओं में आपकी कविताओं को स्थान दिया गया है। एक समाचार-पत्र द्वारा आपको सम्मानित भी किया गया है। उपलब्धि यही है कि,मासिक पत्रिकाओं में निरंतर लेखन प्रकाशित होता रहता हैl आपके लेखन का उद्देश्य-सामाजिक बुराइयों को उजागर करना हैl
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Nice
सभी पाठकों को बहुत बहुत धन्यवाद।