हाथों का श्रंगार ये मेंहदी। बाबुल का प्यार ये मेंहदी।। जैसे – जैसे ये गहरी होती, बनें प्रीत कि हार ये मेंहदी।। मेंहदी हाथों में शोभित हो, दे जाती आकार ये मेंहदी।। दो दिल में जान सी रहती, रंगो की बौछार ये मेंहदी।। खुशियों की सौगाते बाँटे, होती ना लाचार […]

अपमानित कराता निरंतर क्रोध विशाल।१ हानि का द्वार कहलाता अकेला छड़ का क्रोध।।२ क्रोध समाया करता विनासक रोक ले इसे।।३ घर आँगन होते मंगलमय क्रोध विनाश।४ क्रोध विनाश पछतावा कदम रोकना सदा।।५ #नवीन कुमार भट्ट परिचय : पूरा नाम-नवीन कुमारभट्ट उपनाम- “नीर” वर्तमान पता-ग्राम मझगवाँ पो.सरसवाही जिला-उमरिया राज्य- मध्यप्रदेश  विधा-हिंदी […]

धनतेरस है सामने,महँगाई की मार। भूखे पडे गरीब है,करिये भव से पार।। धनवानों मत फेंकिये,दे देना उपहार। कुछ पैसे से हो सके,निर्धन का त्योहार।। चाँदी उसकी है यहाँ,पैसा जिसके पास। चुटकी बजते हो सदा,सारे मन की आस।। धनतेरस पे दीजिए,निर्धन को कुछ दान। सपना देखा रात को,पूर्ण करे अरमान।। धनतेरस […]

अमृता और रमेश दोनो दया-भाव से भरे थे।त्योहारों में मॉल से शॉपिंग के बजाए गरीब फेरीवाले से खरीददारी किया करते थे। आज करवाचौथ का दिन था। अमृता ने फेरीवाले को बैठाकर रमेश को आवाज दिया-“रमेश! साड़ी पसंद कर दो जरा।” रमेश-“अरे तुम्हें पहनना है, तुम हीं देख लो न!मुझे क्यों……?” […]

अब तो जागो हे इंसान। मत बन तू इतना अंजान। झूठ फरेबी धर्म निरर्थक, मत पालो अब ये शैतान।। भ्रम फैलाना छोड़ो “नीर” अब तुम नहीं रहे नादान।। रहें दिलों में लग्न शीलता, अलग रहे अपनी पहचान।। मन में सच्ची गर भावना, हर राहों पे दिखे भगवान।। घृणा,निरादर करना त्यागो, […]

माँ ममता की खान है,दे बेटों को प्यार। हर बाधा को दूर कर,,हमें लगाती पार।। माता के दरबार में,लगी भगत की भीड़। माता के आशीष से,बनें सफल की रीढ़।। सच्चे दिल से माँगिए,बन जाये हर काम। माता के दरबार में,लगे न कौड़ी दाम।। नवदिन की आराधना,नव देवी का रूप। माता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।