हाथों का श्रंगार ये मेंहदी। बाबुल का प्यार ये मेंहदी।। जैसे – जैसे ये गहरी होती, बनें प्रीत कि हार ये मेंहदी।। मेंहदी हाथों में शोभित हो, दे जाती आकार ये मेंहदी।। दो दिल में जान सी रहती, रंगो की बौछार ये मेंहदी।। खुशियों की सौगाते बाँटे, होती ना लाचार […]
bhatt
अपमानित कराता निरंतर क्रोध विशाल।१ हानि का द्वार कहलाता अकेला छड़ का क्रोध।।२ क्रोध समाया करता विनासक रोक ले इसे।।३ घर आँगन होते मंगलमय क्रोध विनाश।४ क्रोध विनाश पछतावा कदम रोकना सदा।।५ #नवीन कुमार भट्ट परिचय : पूरा नाम-नवीन कुमारभट्ट उपनाम- “नीर” वर्तमान पता-ग्राम मझगवाँ पो.सरसवाही जिला-उमरिया राज्य- मध्यप्रदेश विधा-हिंदी […]