हर बात पर यूँ आँसू बहाया नहीं जाता , हर बात सबको दिल का बताया  नहीं जाता । सब घूमते हैं आज साथ में लिए  नमक , हर जख्म दिल का सबको दिखाया नहीं जाता । हो दर्द सही इश्क का ईनाम तो आता, खाली ही सही हाथ में वो […]

ऐ नौकरी मेरी नौकरी तू है कहां तू है किधर तुझे ढूंढती मेरी नजर।। जो मिल गई तो संवर गया, गर न मिली तो बिखर गया। तू है तो सब कुछ पास है, तू जो गई तो सब गया। बिन नौकरी कीमत नही , कोई कितना भी पढ़ लिख गया। […]

लो मिठाइयां खाओ चुनाव आया है, फिर से आया तेरे द्वारे चुनाव आया है । हमने जा करके चरण खूब थे चूमें उनके , पैर पर इनको गिराओ चुनाव आया है। नहीं मिलेगा पांच साल तक ये प्याला फिर , पी लो ये मुफ़्त की दारू चुनाव आया है। भाई […]

अंधियारी रातों में सूने मन से मैं कुछ कहता हूँ, सोच सोचकर मन ही मन के भावों में मैं बहता हूँ ! सोचू कल भी सुबह सुबह वह छोटा बच्चा रोयेगा, सोचू कल भी युवा वर्ग ये कब तक यूँही सोयेगा, सोचू कब तक घर का बूढ़ा बाहर यूँही खासेगा, मन के […]

कुलि हमसे विधाता छीन लिहिन, अबकी गेहूं मा रोइ दिहिन। ई जाने कवन बयार चली, एकै झोंका मां खतम कीन गेहूं मा फूल लगा जइसे, जइसे वहिमा बाली आइल करिया करिया करिया होइगै, दुख कै बदरा जब मडराइल बिजुरी चमकी गरजा बदरा, आंखी कै सब बहिगै कजरा। अंसुवन कै धार […]

मेरी   शायरी मे  यार   मुहब्बत   न ढूंढ हुस्न और   इश्क़   की   लज़्ज़त न ढूंढ । महरूम हैं मेरे शेर जलवाए   महबूब से ज़िक्र तू यहाँ हसिनाए खूबसूरत न ढूंढ। मत कर  नेताओं के     वादों पर भरोसा सहरा में यार समंदर की फितरत न ढूंढ । रहने दे मासूमों की  […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।