कटे पेड़ के ठूँठ विराजी, बया मनुज को कोस रही। बेघर होकर, बच्चे अपने, संगी साथी खोज रही। मोह प्रीत के बंधन उलझे, जीवन हुआ क्लेश में। जैसा भी है,अपना है यह, रहना पंछी देश में। हुआ आज क्या बदल गया क्यों, कुटुम कबीला नीड़ कहाँ। प्रातः छोड़ा था बच्चों […]
हार जीत का वोट युद्ध था, कोई जीता कोई हारा। दल दलदल को भूल सखे अब, अपना लो भाई चारा। जीत किसी की नहीं चुनावी, यह तो जनमत जीता है। राष्ट्रप्रेम का भाव जगा है। देख रहा है जग सारा। हार नहीं है यह विपक्ष की, यह तो बस गठबंधन […]
बहुत दिनों के बाद आज फिर, लिखने का मन करता है। जीत हार की बाते करतें, अब भी मन डर छलता है। जीत नहीं यह मोदी की है, न हीं कमल निसान की। देश विदेशी गत घावों को, मत का मल्हम भरता है। . ✍✍ जीत किसी की नहीं जीत […]
भारत के संविधान में,दिए मूल अधिकार। मानवता हक में रहे, लोकतन्त्र सरकार। लोकतंत्र सरकार, लोक से निर्मित होती। भूलो मत कर्तव्य, कर्म ही सच्चे मोती। कहे लाल कविराय, अकर्मी पाते गारत। मिला वोट अधिकार,बनाओ अपना भारत। . दाता ने हमको दिया, जीवन का अधिकार। जागरूक मतदान से, लोकतंत्र साकार। लोकतंत्र […]
हिन्दी के सम्मान हित, कार्य करते दिन रात। मातृभाषा, परिवार है, साहित को सौगात। साहित को सौगात, सभी के सृजन प्रकाशे। नवसृजक हितमान,सभी की कलम विकासे। कहे लाल कविराय ,साहित भाल की बिन्दी। अर्पण जैन महान, समर्पित जीवन हिन्दी। . करते सृजन प्रकाश ये, हिन्दी अंतरजाल। अर्पण जी छापे सभी, […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।