अम्मा की दो अंगुलियां काली नहीं होती अब तो, बच्चों के नैनों में काजल भी नहीं मिलती अब तो। कजरा रे और काले नैना कोरी कल्पना रह गयी, और धीरे धीरे काजल श्रृंगारदान से गायब हो गयी। पल्लू माँ की साड़ी का अब गंदा नहीं होता माँ से रह कर […]
गीतों का मल्हार लिए, फूलों का श्रंगार लिए। खिल गए फूल अनन्त, आ गया देखो प्यारा बसंत॥ फूलों से खेत हो रहे हरे-भरे, पक्षी गीत गा रहे भावना भरे। नर-नारी और झूमे साधू सन्त, आ गया देखो प्यारा बसंत॥ नदियाँ फूलों से श्रृंगार करे, धरा भी किरणों से मांग […]
एक पार्टी में हम घूम रहे थे, खाली जगह को ढूँढ रहे थे। भीड़ से हर मेजबान घिरा था, मैं ही एक ऐसा सिरफिरा था। जो भीड़ से इतनी दूर खड़ा था, मन मेरा भी दावत में पड़ा था। एक टिक्की का दसों हाथ स्वागत करते, तब टिक्की किसी एक […]
फुर्सत तेरा कैसा रंग ? फुर्सत तेरा कैसा है ढंग ? लाल,नीली,काली,नारंगी, सुराही,घड़ा या जैसे सारंगी। बता दे पता अपने निवास का, तेरा घर है जरूर घास का। जिससे निकलना तुझे है मुश्किल, लेकिन तेरे बिन मैं होता व्याकुल। तेरी कुटिया के बाहर है लक्ष्मण रेखा, अरे! फुर्सत को किसने […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।