मन की बात मन जानता है। दिल की बात दिल जानता है। मोहब्बत को मोहब्बत करने वाला जानता है। अरे ये तो दिल लगी कि बाते है। जो प्यार मोहब्बत में जीने वाला जनता है।। उदासी की जिंदगी क्या होती है। तन्हा में जीना क्या होता है। एक अकेला इंसान […]

कल ने कल से, कल मिलने को कहां। आज देख कर हंस पड़ा। तो कल बोला क्यो हंसे, आज बोला यही सुनता आ रहा हूँ वर्षो से। पर कल कभी आता नही, और तुम को कभी मिलना नही।। इस कल कल के चक्कर मे पड़कर। न जाने कितने लोग, इस […]

कलयुग में मिले है, सतयुग जैसे गुरुवर लोग जिन्हें कहते है विद्यासागर। त्याग तपस्या की, है वो एक मिसाल। कितनी कठिन साधना, करते है हर पल। तभी लोग कहते उन्हें, कलयुग के भगवान।। धारण किये हुए है आगम की चादर। उसके अनुसार ही, करते अपने कर्म। देते उपदेश वो सदा, […]

दिल रब ने दिया है तो। किसी न किसी से तो मिलेगा। प्यार की कश्ती में ये दिल बैठेगा। तभी तो दो दिलो का मिलन होगा।। दिलो की बात दिलवाले समझते है। प्यार करना परवाने जानते है। नजरे जब किसी से मिलती है। तभी तो ये दिल धड़कता है।। गलत […]

चलते है जो सत्य अहिंसा के मार्ग पर। करते है जो जीवो की रक्षा हर कदम पर। देते है उपदेश जियो और जीने दो का। ऐसे परम तपस्वीय को विद्यासागर कहते है।। कितनो का किया इन्होंने कल्याण लोगो। लाखो को जैन धर्म क्या होता है बतला दिया। और नई पीढ़ी […]

कैसे होते है अपने में तुम्हे बताता हूँ। इस जालिम दुनियां का हाल सुनाता हूँ। बड़ा दर्द होता है तब जब अपना ही अपनो खा जाता है। और अपने को पता भी चल पाता है।। हकीकत यदि जाने तो बहुत ही शातिर होते है। अपने बातो से अपनो को, ही […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।