अब तो जागो हे इंसान। मत बन तू इतना अंजान। झूठ फरेबी धर्म निरर्थक, मत पालो अब ये शैतान।। भ्रम फैलाना छोड़ो “नीर” अब तुम नहीं रहे नादान।। रहें दिलों में लग्न शीलता, अलग रहे अपनी पहचान।। मन में सच्ची गर भावना, हर राहों पे दिखे भगवान।। घृणा,निरादर करना त्यागो, […]

प्रभॉशु इस दीवाली किसी घर के चौखट पर अधेरा न रहें किसी घर का कुलदीपक न बुझे किसी घर के दरवाजे पर एम्बुलेंस न हो किसी घर के चूल्हे में अंधेरा न हो इस दीवाली किसी अस्पताल के आई.सी.यू में कोई मरीज तड़पते हुए बाहर न आये हे ईश्वर इस […]

माँ ममता की खान है,दे बेटों को प्यार। हर बाधा को दूर कर,,हमें लगाती पार।। माता के दरबार में,लगी भगत की भीड़। माता के आशीष से,बनें सफल की रीढ़।। सच्चे दिल से माँगिए,बन जाये हर काम। माता के दरबार में,लगे न कौड़ी दाम।। नवदिन की आराधना,नव देवी का रूप। माता […]

वो देखो! सौरभ-सिक्त समीर संग लहराती बलखाती विहंग-कूलों के कलरव पर शंखनाद करती निशा के मोह-व्यूह को तोड़ती रश्मि-रथ पर आरूढ़ सुर्ख लाल जोड़े में सिन्दूरी आभा लिए पूरब से भोर आ रही है। #निशान्त कुमार अररिया, बिहार Post Views: 379

मेरे सफ़र  की न जाने  कैसी ये शुरुआत हुई, जीते थे लाख सम्मान मगर ये कैसी मेरी हार हुई. दाना चुग परिदों की घोसलों  के लिए उड़ान हुई, सपनो के घर में जिन्दगी अब मेरी मेहमान हुई. मेरे जिए किरदार की तस्वीर अब  परछाई हुई, बूढी काया मेरी  अब औरों की मोहताज़ हुई. शतरंज के […]

(काव्यधारा पीयूष के साथ काव्यधारा रत्न सम्मान भी मिला) दौसा।  3अक्टूबर,18 को रामपुर शिवांश होटल एण्ड रेस्टोरेंट, साई काम्प्लेक्स रामपुर मे दौसा निवासी कवि कृष्ण कुमार सैनी”राज को साहित्य के क्षेत्र में *काव्यधारा-पियूष और काव्यधारा-रत्न सम्मान* से सम्मानित किया गया। *सैनी की साहित्य में बढ़ती हुई रूचि और सहभागिता के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।