आओ जन्म भूमि की वंदना करें, राष्ट्र  वंदना करें। शस्य श्यामला धरा प्रबुद्ध शुद्ध हो, रोटी,कपड़ा और मकान सर्व सिद्ध हो, हर नवजात एक कृष्ण बुद्ध हो, कृष्ण बुद्ध हो। एक विशिष्ट राष्ट्र की कामना करें, आओ वंदना करें। वरदहस्त हमपे भारती का रहे, हर जगह प्रकाश आरती का रहे, […]

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सोचती हूं हर दम क्या हूं मैं ? कुछ बातों की लक्ष्मण रेखा ? जीवन को सुखी बनाने वाली कोई सुविधा ? बावर्ची ? घर की चिन्तक ? हर चीज के हिसाब वाली एक डायरी ? बच्चों की आया ? पति की नौकरानी ? प्रेमिका ? या फिर निरी रखैल […]

चपला चम-चम चमकी जावे, बरखा रिमझिम बरसी जावे.. बदरा उर में आन समावे। बदरा घोर-घोर जावे, बदरा घोर-घोर जावे॥ पुरवैया के शीतल झोंके, तन मोरे से लिपटे जावे.. चपल हठीली बिजुरी ताने, मन मोरे सिमटे जावे। बैरन चमक-चमक चपलावे, जियरा मोरा हा! डर पावे। बदरा घोर-घोर जावे, बदरा घोर-घोर जावे॥ […]

आज जीने के लिए, इक शिखण्डी चाहिए॥ औंधे मुंह है रुढ़ियां धूल भरी है आँख, चिकना खीरा रो रहा भीतर  देखे फाँक। इक नए संधान को, बस रणचंडी चाहिए॥ बन्दूकी आग डर रही उछले कंकड़-पत्थर, भूख करे गंधर्व गान भरे नोट मुह शंकर॥ आत्मरक्षा कर लिए, एक  बन्दी चाहिए॥ फटा […]

योग मुक्ति का मार्ग बतावे, जीवन पूर्ण बनावे योग.. सुप्तज्ञान शक्ति का जगण, रहित विकार करावे योग। लम्बा जीवन जिओ धरा पे, अपनाकर भारत का योग, जीवन को नव जीवन दे दो.. भीतरी शक्ति अपनाकर योग। माया से मुक्ति का द्वार है, मिलन विछोह का एकाकार.. द्वैत मिटा अद्वैत को […]

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भगवान बुद्ध के अनुसार शरीर और मन के प्रति सावधान रहने से दुखों से छुटकारा मिल सकता है। बुद्ध ने संसार को समझने और अपनी धारा तय करने के लिए एक तकनीक का प्रयोग किया जिसका नाम है-सती अनापान’ तकनीक। इसके अनुसार प्राण वह श्वांस जिसे अंदर खींचा जाता है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।