हम बहुत कुछ करते हैं दिखाने को। हाथों की लकीरों को आजमाने को। न सुबह को चैन है न रात को आराम, हाय ये क्या हो गया इस जमाने को। जिंदगी की परेशानियां कम हो जाए, हम चल दिए बुत के आस्ताने को। दिल में जख्म थे अब गहरे हो […]
शिशिर की हाड़ कँपाती सर्द रातें विचरण कराती हैं किसी को स्वप्न लोक में। तो, कट जाती हैं किसी की आँखों-आँखों में। किसी के लिये बंद कमरा,नर्म-गर्म बिछौना और लिहाफ़ की गरमी भी कम पड़ती है। तो कोई, खुला आसमान, धरिणी की गोद झीनी सी चादर तानकर नख -शिख अपनी […]
ख्याल दिल में तेरा आया न होता नैन जो तुझसे लड़ाया न होता कहना चाहती थी तुझसे मेरी आँखे कह जाती तो ख़त आया न होता जिगर में तेरे मैं तेरा बन के रहता जो किया तूने मुझको पराया न होता जलाए चराग़ मैंने तेरे दिल में जलते गर तूने […]
नायिका की शिकायत सुनो … एक दिन यही लफ़्ज तुमने ही कहे थे मुझसे अश्रु और मुस्कान से यदि घुलती रहोगी तुम फाल्गुन और सावन से एक दिन मिलवा दूंगा मै…! याद है ना तुम्हें जब मेरा चेहरा लिए अपने हाथों में पूछे थे कई प्रश्न तुमने मुझसे..! हर […]
ना चाहते हुए भी वसु की आँखे नम थी।आँसुओं से आँखे भरी हुई पर वह ठान बैठी थी की आज वह उस अनमोल अश्क को गालों पर लुढ़कने ही नही देगी चाहे जो हो जाएँ। रक्तिम आँखे उलझा हुआ मन और बेकाबु धड़कने और बेइंतहा दर्द। आज दर्द हारेगा यह […]
एक मुस्कुराहट देने का शुक्रिया थोडा पास बुलाने का शुक्रिया वह तकियों के साथ की गुस्ताखियाँ वह पेट में बल पड़ने तक का हँसना हँसाना सुनो वह गुलाबी यादें याद दिलाने का शुक्रिया…..!!! हौले से शब्दों से छूना वह कान के पास शरारत से गुनगुनाना हाथो में हाथ थामे वह […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।