पुस्तक समीक्षा लेखक– श्री अनिल कुमार यादव (कविता संग्रह) प्रकाशक – बोधि प्रकाशन, सी-46 सुदर्शनपुरा इंडस्ट्रियल एरिया एक्सटेंशन नाला रोड, 22 गोदाम, जयपुर – 302006 पृष्ठ – 120 मूल्य – एक सौ पच्चास रुपये अपनी पत्नी नीलम को समर्पित ‘कुछ कदमों का साथ’ कविता संग्रह की कविताएँ कवि के अनुभवों […]

कुल जमा सत्रह शीर्षकों में विभाजित व वर्णित ,पत्रकारिता विषय के प्रेमियों के लिये हाल ही में एक नई पुस्तक प्रकाशित हुई है -“पत्रकारिता और अपेक्षाएं” ।डाॅक्टर अर्पण जैन ‘अविचल’ द्वारा लिखित यह किताब वर्तमान समय की पत्रकारिता का निष्पक्ष अक्स खींचती है । पुस्तक की भूमिका ही इसकी विवेचना […]

म. प्र. आगर मालवा जिले के उत्कृष्ट उ.मा. विद्यालय आगर मालवा के राज्यपाल पुरुस्कार प्राप्त शिक्षक डॉ. दशरथ मसानिया ने  कोरोना त्रासदी के विगत 15 महीनों में शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में सराहनीय सृजनात्मक कार्य किया है।   जहां लोग कोरोना काल में भययुक्त वातावरण में जी रहे थे वहीं […]

संकलन – कालेश्वर ज्योति हिन्दी साहित्य के अनेक लेख और काव्य रचनाओं का सांझा संकलन है। जिसमें नवीन साहित्यकार एवं वरिष्ठ साहित्यकारों के द्वारा अनेक विधाओं के माध्यम से विचारों का संयोजन किया गया है। संपादक – मुकेश कुमार ऋषि वर्मा  के द्वारा कड़ी मेहनत के फलस्वरूप हिन्दी साहित्य जगत […]

लेखक संघ के प्रचारक रहे है, उन्होंने अपनी इस छोटी सी पुस्तक में भारत के संतों के आविष्कार, भारत के दर्शन, भारत की अतीत में विश्व गुरु की भूमिका को अच्छे ढंग से प्रस्तुत किया। भारत पर हुए आक्रमण व आक्रमण के बाद जनता के दृष्टिकोण की भी विस्तृत व्याख्या […]

गालिब ने कहा था, “खेल बच्चों का हुआ, दीन ए दीना न हुआ, वह आंख क्‍या जो कतरे में समन्दर को न देख ले। ” कतरे में समन्दर को देखने वाली आँख कविता की आँख होती है। ‘सावन’ के पास वह आँख है, जिससे उन्होंने लहरों, जलचरों और तूफानों को […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।