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प्राइमरी का परेशान मास्टर, भयानक सपना देख रहा था। सपने में ही सेल्फी से खिंचा,  फोटो अपना देख रहा था।। पल- पल, हर-पल, फोटो उसे, खींचने का पैगाम मिला था। खुद को साबित करने हेतु, ऐसा काम मिला था।। प्रश्नों से घिरा बेचारा, भले ही गहरी नींद में खोया था। […]

गरल सुधा बन जाता है जब मीरा सी हो भक्ति। अभय हो जाता नर जब हो निष्काम कर्म शक्ति।। अगणित मदन हो न्योछावर शिव चरणों मे तब। मिलती देवों को उनके चरणों मे सच मे अनुरक्ति।। स्मृति आ जाती जग में जब मिट जाती आसक्ति। अन्तर्मन प्रफुल्लित होता जग उठती […]

मन की कोमल व्यथाएँ लबों तक रही, गीत बनते गये, स्वर निखरते गये। हो सका ना मिलन प्रीत में तो कभी, दो किनारे थे हम ,सँग चलते रहे।। भाव मन के मेरे, नैन पढ़ते तेरे, मौन लब थे, नयन किन्तु कहते रहे। मन के प्रश्न मेरे ,चिर प्रतीक्षित रहे, तुम […]

*मेरा* भारत हो सदा,विकसित अरु गतिमान। *राष्ट्र* भक्ति  की  भावना, संविधान  सम्मान।। .                    *भारत* अपना हो सदा, दुनिया में  सिरमौर। *रखें* मान की आन को,मिल के खाएँ कौर।। .                    *तहजीबें*  ऊँची  सदा,  सत्य  अहिंसा  राह। *मजहब* समरस हैं तभी,ईश्वर अरु अल्लाह।। .                    *हाल* सभी के हों भले ,रखलें सत अभिमान। […]

     सभ्यता समाज के सकारात्मक प्रगतिशील और समावेशी विकास को इंगित करने के लिए किया जाता है। सभ्यता के अंतर्गत उन्नत कृषि लम्बी दूरी का व्यापार नगरीकरण आदि की उन्नत स्थिति दर्शाता है।सभ्यता कुछ माध्यमिक तत्वों यथा विकसित यातायात व्यवस्था लेखन मापन के मानक विधि व्यवस्था कला की प्रसिद्ध […]

सृष्टि का यह चक्र अद्भुत है समझ ले, यह समय के साधकों के संग चला है। हाथ की रेखाओं के बल जो खड़ा है, वक्त ने अब तक उसी को ही छला है। व्यर्थ तेरी कुंडलियों की समय गणना, अगले पल होना क्या किसने कहा है। ताश के पत्ते तूफानों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।