तुम्हें कैसे रंग लगाए, और कैसे होली मनाए? दिल कहता है होली, एकदूजे के दिलों में खेलो। क्योंकि बहार का रंग तो, पानी से धूल जाता है। पर दिल का रंग दिल पर, सदा के लिए चढ़ा जाता है।। प्रेम मोहब्बत से भरा, ये रंगों त्यौहार है। जिसमें राधा कृष्ण […]

अंतराष्ट्रीय महिला दिवस विशेष…… साथियो आज एक ऐसा विषय को लेकर आपके सामने आया हूँ। जिस पर हर इंसान एक दम से वोना हो जाता है। उसे अच्छे बुरे का ज्ञान होते हुए भी वह असहाय सा दिखता है। और ये विषय है नारी की जिद्द ? बड़े बड़े विद्धमान […]

मिले हम अपनी कविता, गीतों के माध्यम से तुम्हें। परन्तु ये तो कुछ, और ही हो गया। पढ़ते पढ़ते मेरी गीतों के, तुम प्रशंसक बन गये। और दिल ही दिल में, हमें चाहाने लगे। और अपने से, हमें लुभाने लगे।। दिल से कहूँ तो मुझे भी, पता ही नहीं चला […]

तेरी यादों को अभी तक, दिल से लगाये बैठा हूँ। की तुम लौटकर आओगे। अपने के साथ नहीं तो, परायें के साथ ही सही। तो आप की धरोहर, आप को सौप देंगे। और इस मतलबी दुनियाँ से, कुछ कहे बिना निकल लेंगे।। इसलिए कहता था तुमसे की, दिलके इतने करीब […]

धड़कता दिल अब मेरा, तुम्हारे ही लिए। मेरी दिल की धड़कन, बन जो गई। मुझे पता ही नही, ये हुआ कैसे। अब भूलना भी चाहूं, पर भूलता ही नहीं।। निकलती है दिल से वो, हर सांस तुम हो। जो बोले बिना ही, व्या कर देती। चोट लगती है तुमको, दर्द […]

कहाँ से हम चले थे, कहाँ तक आ पहुंचे। सभी की मेहनत ने, दिखा जोश जो अपना। तभी तो हम भारत को, इतना विकसित कर सके। पिन से लेकर एरोप्लेन, अब हम बनाने जो लगे।। कड़े परिश्रम और लगन, के द्वारा ये हुआ है। तभी तो अपने भारत को, दुनियां […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।