जब-जब पड़ी बूंदे पानी की जमीं पर यूं लगा सावन की बूंदों ने दस्तक दी हो मुरझाई सी, अलसाई सी बेलो को, लताओं को हरितमा के आंचल से ढक दिया बरस कर (१) गूंजने लगा बारिश की टिमटिमाहट का गुंजन मेंढकों की टर्र -टर्र और झीगुरों के आहटों से प्रकृति […]

देकर आँख में पानी, ये दुनियाँ मुस्कुराती है। तड़पता देख हमको ये, सदा ताली बजाती है।। लगे जब चोट कोई गहरी, दर्द हो दिल का कोई प्रहरी। मदद की भीख मांगे जो, हमें ठेंगा दिखाती है। देकर आँख में पानी…… भरोसा टूटता है जब, कोई घर लूटता है जब। ये […]

कृष्ण – सुदामा जैसे मेरे मित्र पग-पग पर साथ निभाते मित्र । महकतें आदर्श जिनके सर्वत्र सार्थक भाव का लगाकर इत्र ॥ दोस्ती है तो जिंदगी है पवित्र रब की ऐसी बंदगी है मित्र । सुख और दुःख का साथी अंधेरे मे उजाले की बाती मित्र ।। पढ लेना मन […]

आज महान उपन्यासकर व कहानीकार मुंशी प्रेम चंद जी का जन्म दिन है। वे अपने समय के महान उपन्यास कार थे। उन्होंने उस समय जो देखा वह लिखा। महान कथाकार और उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद ने अपने समय के अनेक विषयों पर अपनी बेबाक लेखनी चलायी. कालजयी पात्रों, चरित्रों, कहानियों […]

मुल्क से अपने यारों वफादारी तो रखना वतन के प्रति जरा जिम्मेदारी तो रखना दुश्मनों की नींदें हराम करके तो रख दो दे दो टक्कर और ये जंग जारी तो रखना जज्बा ए जूनून खून में शामिल तो करो दिलों में आग हौसलों में चिंगारी तो रखना बेहतर हो कि,कलम […]

सच्चा मित्र वही होता है, जो हर सुख-दुख में सम साथ निभाये, बिन मांगे हर संभव मदद हंसते-हंसते कर जाये । मित्रता की अमर कहानी कृष्ण-सुदामा की सुनाई जाती है – जीवन में सच्चा मित्र वही जो परछाईं बन साथ निभाये ।। मुकेश कुमार ऋषि वर्मा Post Views: 348

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।