धरती का कण–कण बोल रहा भारत की माटी पुलकित है, बहु प्रतीक्षित पल जननी का आज अवध भी हर्षित है। रोम–रोम मेरे भारत का अंतर्मन में गूँजे राम, प्राण–प्रतिष्ठा अवध में होगी नैना जब होंगे अभिराम।। अवधपुरी है सूर्यवंश के मान और सम्मान की रामलला की जन्मभूमि यह सनातनी अभिमान […]