वक्त गुजर रहा था अपने हिसाब से वह 29 दिसम्बर की सर्द इरात थी अगले सुबह मुझे और रिनू को जाना था नये साल सेलेब्रेशन पर इसलिए हमलोग तैयारी में लगे थे दर असल मेरी छुट्टी आज ही अप्रूव हुई थी इसलिए मैने दो टिकिट ट्रेभल एजेंसी से उपलब्ध करवा […]

तालाक तालाक तालाक बन गया है इतिहास इतिहास इतिहास। वर्षो से खाभोश थे चेहरे अपनी ही आवाज को तरसते चेहरे। खिल उठे है आज देखो जब संसद मे हुए फैसले। जुल्मो सितम की बेड़ियो से निकलकर मुस्कुरा रहे है सभी के चेहरे। अब तो आजादी की जिन्हें पाबंदी थी लटक […]

सवाल बहुत है मन में जवाब कहाँ से लाऊं, नींद नहीं है आंखों में ख्वाब कहाँ से लाऊं, अशांति बहुत है जीवन में शांति कहाँ से लाऊं ? दर्द बहुत है दिल में दवा कहाँ से लाऊं, अपने कई हैं साथ में पर खास कहाँ से लाऊं, छल से भरी […]

जन्म दिन विशेष ——————–– अटल वाणी सत्य की जिसके कायल थे सभी। पक्ष विपक्ष को कविताओ से मर्यादओं की मिनारों से राह दिखाते अधिकारों से उनके कायल थे सभी। बहुलता के प्रदेशो को मजबूत किया गठजोडो से। राजनीति की कीचड में चमकते हुए कमल अलंकृत किये गये भारत रत्न मिला […]

फायदे की बात तो सभी करते है बहती गंगा में डूबकी सभी लगाना चाहते हैं आखिर क्यो नही चाहेंगे जब गंगा ही उल्टी बह जाय और लोगो को मुर्ख बनाकर अपना काम निकाल लिया जाय विडम्बना तो तब होती है जब परिवार के लोग भी ऐसा करते है ।आज की […]

जुल्फ-घनेरी बिखरी-बिखरी झील सी आँखें नीली-नीली। नजर हमारी ठहरी-ठहरी बात तुम्हारी बिखरी-बिखरी। मन चंचल मचल-मचल अल्हड़ बनाए डगर-डगर। ठिठक जाए संभल-संभल होठ गुलाबी संवर-संवर। चाल शराबी कमल-कमल नशीली आदाएँ कहर-कहर। बात का जादू सफल-सफल मदहोश करती पहर-पहर। लो आ गयी गहरी-गहरी रात निराली ठहरी-ठहरी चाँद की चाँदनी फैली-फैली खूबसूरती तुम्हारी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।