अगर मुझे जीवन की अंतिम क्षणों मे अपने जीवनसाथी से अपनी अंतिम इच्छा बताने का मौका मिले तो मैं अपनी ‘ अंतिम- आस कुछ इस तरीके से बताना चाहूंगी।, , , , , , मन में अटूट विश्वास लिए कहनी तुमसे एक बात प्रिये l तुम पूरण कर देना इसको […]
मुझे मौन के काँधे रखकर सर, बस सोना है सो जाने दो। सुनो,धैर्य के कोमल पुष्पों को, मत मेरे लिए मुरझाने दो।। अभिलाषा की किरणों को, भाग्य तुम्हारा सजाने दो।। इस पथ की धूमिल मिट्टी मैं, अब चंदन सा हो जाने दो।। मैं धरा की बेटी ही तो हूँ, अब […]
मेरे जिगर में ज़ब्त-ए-गम ये खौलता क्यूँ है। मैं जो खामोश हूँ तो मेरा दर्द बोलता क्यूँ है।। ऐ खुदा तुझसे ये पहली सी मेरी शिकायत है। क्या तुझे मुझसे भी थोड़ी सी मोहब्बत है।। गर मोहब्बत है तो फिर मुझको तौलता क्यूँ है।। खाक करने के लिए मुझको बनाया […]
नदी सी स्त्री तुम निरंतर बहती रही हों औऱ सदा गतिशील रहना… क्यूकि ठहरना स्त्री धर्म नहीँ है स्वंतंत्र चेतना सजग जागरूक मगर कबीर की माया प्रसाद की श्रद्धा गुप्त की अबला तुलसी कहे ताडना की अधिकाराणि तुम दोयम दर्जे की ही नागरिक हों माँ हों बेटी हों पत्नी औऱ […]
रात की बाहों में,मेरे हिस्से की क्यूँ नींद नही। फलक के तारों में जलती कोई उम्मीद नही।। मैं रात काट रही हूँ कि मौन है तो मेरे साथ, फिर भी खामोशी की दुनिया हुई रंगीन नही।। है एक नाम जहां में जो नही देता सुकूँ मुझको, उसकी चाहत का सफर […]
अश्लीलता मन के विचारों में होती है किंतु आज यह खुलेआम सड़कों पर उतर आई है । नित्य प्रतिदिन दिल को दहला देने वाली घटनाएं मासूम अबोध बेटियों से लेकर परिपक्व , अधेड़ , वृद्धा आज वासना के भूखे भेड़ियों की हवस का शिकार हो रही हैं ,और हाल ही […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।