हर घर जब आलोकित होगा, गाँव-गाँव जब विकसित होगा तब दीवाली आएगी। हर बच्चा जब शिक्षित होगा, हर किसान मन प्रमुदित होगा तब दीवाली आएगी। हर आंगन जब खीर पकेगी, भ्रष्टाचार की लूट रुकेगी तब दीवाली आएगी। खुश होकर तिरंगा लहराएगा, आतंकवाद से मुक्त फहराएगा तब दीवाली आएगी। निश्चिंत हो […]

सृष्टा की नरम कल्पना नारी, सॄष्टा की ओर चाहना नारी। सृष्टा की आराध्या नारी, सॄष्टा मन भावना नारी॥ मानव मन की अर्चना नारी, नित्य प्रति उपासना नारी। जीवन की है भूमि नारी, सुंदर मन की उर्मि नारी॥ एक हवा का झोंका नारी, मृगतृष्णा-सा धोखा नारी। रौरव नर्क द्वार है नारी, […]

बैठ कभी भी फुर्सत में, तुम सम्बन्धों की बात न करना। सम्बन्धों के समीकरण तो बदल रहे हैं॥ ठंडे झोंकों से जब मैंने, केवल तेरा नाम सुना था सतरंगी तब सपनों का, कोरा-सा इक जाल बना था मोहनी बन्धन मुस्कानों की बात न करना। मुस्कानों के अलंकरण तो बदल रहे […]

इतनी बड़ी हवेली में, इकली कैसे रहती मां। बड़े-बड़े संकट को भी, चुप कैसे सह लेती मां॥ कमर झुकी जर्जर काया, फिर भी चल फिर लेती मां। मुझको आता हुआ देख, सेंक  रोटियां  देती माँ॥ खाँसी आती है मां को, झट से मुँह ढक लेती मां। मेरी नींद न खुल […]

कल रात तुम्हारा चन्दा आया था मेरे पास॥ कहता था, नहीं गुजारा बड़े-बड़े शहरों में अब, जितना चढ़ता ऊपर मैं उतना छोटा होता नभ। देखी नहीं चांदनी ने हरी-भरी कहीं घास॥ गगनचुम्बी, अट्टालिका पर चढ़-चढ़कर थक जाता हूं, स्याह साँपिनि सड़कों पर चल-चलकर, थक जाता हूं। कभी नहीं भर पाता […]

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मिल गई आजादी हमें- अपना राज करने की, अपनी जेब भरने की और मनमानी करने की॥ मिल गई आजादी हमें- जनता को मूर्ख बनाने की, जनता को फुसलाने की नई नीति बनाने की, झूठ-मूठ में बतियाने की॥ मिल गई आजादी हमें- सम्पत्तियां हड़पने की, ख़ामोखा खड़कने की किसी को भी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।