कुहुक कुहुक में गीत प्यार, के गाती कोयल डाली पर। हर्षित होता मन उपवन, इठलाती कोयल डाली पर।। मदन तीर से बिंधी हुई, राग छेड़ती प्रीत मल्हार। मादक-मादक गंध महकती, पत्ता-पत्ता डाली पर।। अमराई में मोर की गंध, महक रही है डाली पर। कोयलिया फिर मचल उठी, कुहुक रही है […]