रोज सबेरे तुम सब जागो नित्य क्रियाओं से निवृत हो। फिर योग गुरु को याद करो और योग साधना तुम करो। स्वस्थ और निरोगी रहोगे तुम और एकदम सुंदर दिखाओगें। मानव शरीर का अंग व पुर्जा एक दम से तुम्हारा चुस्त रहेगा।। बाग या घरका आंगन में तुम नित्य करो […]

हम जिन्हें चाहते है वो अक्सर हमसे दूर होते है। जिंदगी याद करें उन्हें जब वो हकीकत में करीब होते है।। मोहब्बत कितनी रंगीन है अपनी आँखो से देखिये। मोहब्बत कितनी संगीन है खुद साथ रहकर के देखिये।। है कोई अपना इस जमाने में जिसे अपना कह सके हम। और […]

क्यों तुम वेबजाह आ कर दिलकी वीणा बजा देती हो। और फिर कही खो जाती हो क्या मिलता है ये करके। न सुकून से खुद रहते हो और न हमें रहने देते हो। मुद्दत हो गई तुम्हें भूले फिर क्यों बार बार आते हो।। जिंदगी को साथ चाहिए था तब […]

चलते चलते मुझे श्रीराम मिल गये । चलते चलते मुझे श्रीकृष्ण मिल गये । बातों ही बातों में वो पूछने लगे। क्या करते हो तुम? मैने कहाँ की मैं एक कवि हूँ जी। सुनकर दोनो जन जोर से हंस पड़े। मैने पूछा उनसे क्या हो गया जी। कहने वो लगे […]

फूल बन कर मुस्कराना जिंदगी है। मुस्कारा के गम भूलाना जिन्दगी है। मिलकर लोग खुश होते है तो क्या हुआ l बिना मिले दोस्ती निभाना भी जिंदगी है l। जिंदगी जिंदा दिलों की आस होती है। मुर्दा दिल क्या खाक जीते है जिंदगी। मिलना बिछुड़ जाना तो लगा रहता है […]

गये थे आज मंडी में लेने को कुछ फूल। वहां जाकर देखा तो एकदम दंग रह गए। की जो फूल लेने को हम यहाँ आये है। वो फूल पहले से ही पैरों में पड़े हुए है। अब मैं कैसे उन्हें लू प्रभु चरणों के लिये।। लगता है हमें आजकल किसी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।