बेशक शब्दों में चिंगारी रखो लेकिन अच्छे लोगों से यारी रखो कवि हो तुम कवि धर्म तुम्हारा निष्पक्ष अपनी कलमकारी रखो कहते हैं आईने हो तुम समाज के बेशक लेखन अपना जारी रखो कहते हो गर कलमकार खुद को कलम के प्रति वफ़ादारी रखो लोग चाटुकारिता पर उतर आए शर्म […]
हमने देखे यहां रंग बदलते लोग क़ामयाबी पर किसी की जलते लोग अहसान फ़रामोश भी बहुत मिलेंगे औरों के टुकड़ों पर पलते लोग कामचोर हरामी बहुत निक्कमे देखें कितने पैंतरे बदलते लोग बातों का जिनकी नहीं कोई ठिकाना किये अपने वादों से मुकरते लोग संगीन गुनाहों पर भी लिप्त मिलेंगे […]
खूब लड़ी मर्दानी बन झांसी वाली रानी बन कब तलक लाचार रहे तू अवंती सी कहानी बन रुकना नही बढ़ती चल धारा प्रवाह सा पानी बन उठा तलवार जुल्म से लड़ नम्र नहीं अब तूफानी बन हे नारी कब तक अपमान सहे तू अब शौर्य की निशानी बन किशोर छिपेश्वर”सागर” […]
अपने दिल की हर बात लिखता रहा दिन क्या तमाम रात लिखता रहा एक पल भी आया न मुझको सुकून मैं अपने ही हालात लिखता रहा लम्हा कभी खुशी का तो कभी गम का खुद से ही किये सवालात लिखता रहा लोग शायर मुझको समझने लगे जबकि मैं अपने ख्यालात […]
संत रविदास जी है गुरुवर हमारे हो रहा गुणगान जिनका वो है प्यारे सत्य की जिसने सदा ही राह दिखाया तेरे बंदे आ गए है सब तेरे द्वारे संत रविदास….. माता गंगा से भी तुमने वरदान पाया मान कुल भी सदा तुमने बढ़ाया हर लिए दुःख जितने भी थे तुमने […]
चाटूकार नहीं हम कलमकार हैं कलम के प्रति हम वफ़ादार हैं सच लिखने का हमने जज्बा रखा कवि शायर ही नहीं जिम्म्मेदार हैं दिखावा जरा भी फितरत में नहीं लिखेंगे वही जो भी असरदार है जरूरी तो नहीं मंच पर ही मिलेंगे जज़्बात पढ़ लो खुला अखबार है खोल कर […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।