करवाचौथ केवल, एक दिन का त्योहार नहीं,, प्रेम की पावनता है ये, रिश्तो का कारोबार नहीं,, बरसों से इन रीतियों का, अनुसरण हुआ है,, सात फेरों की प्रीतियों का, पावन प्रण हुआ है,, इन पावन क्षणों का कभी, होता झूठा आधार नहीं,, करवाचौथ केवल, एक दिन का त्योहार नहीं,, प्रेम […]

आज की पीढ़ी ना समझेगी वो प्यारे जज्बात,, कैफे से भी प्यारी थी वो दरवजे की मुलाकात,, कई दफा उनकी गलियों में जाना होता था,, बड़ी मुश्किल से फिर उनका नजराना़ होता था,, आंख से मिलती आंख तो हो जाती थी दिल की बात,, आज की पीढ़ी ना समझेगी वो […]

इश्क़ में पावनता की जन्नत कुछ ऐसे घूम आता हूं महबूब को भर कर बाहों में, मैं माथा चूम आता हूं उनको पाने की जिद केवल इतनी थी उनके करीब आकर के उनकी सांसे गिरने थी उनको छूकर ही केवल मैं खुद को भूल जाता हूं महबूब को भर कर […]

लाख समझाया उसको पर वो कंहा समझती है,,, वो हंसकर बात करती है तो ये दुनिया शक करती है,, तारीफ करूं उसकी आंखों की या फिर रपट लिखाऊ थाने में,, उसकी आंखें कत्ल मेरा कई कई बार करती है,, वो हंसकर बात करती है तो ये दुनिया शक करती हैं,, […]

माता की चौकी सजेगी,, घर में मां की ज्योति जगेगी,, नवरात्रि के व्रत आए हैं,, घर में मां की प्रीत निभेगी,, दीपक जलता ही रहेगा,, कलश भी फूलों से सजेगा,, माता का श्रृंगार भी होगा,, चुनरी भी नारियल से बंधेगी,, भजनों का जयकारा होगा,, हर गीत नया मां का प्यारा […]

इश्क अधूरा ही सही इश्क में आजमाइश रहती है सात फेरों के बिना भी इश्क में गुंजाइश रहती है मुकम्मल हो हर कहानी यह मुमकिन तो नहीं पर हर कहानी कि कोई ख्वाहिश रहती है इश्क अधूरा ही सही मगर आजमाईश रहती है टूट कर चाहा उसे पर बिखरने ना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।