आज काश्मीर में धोखा, गद्दारी चित्कार !हाहाकार ! सिसकती सभ्यता कराहती हुई संस्कृति कैसी है विडम्बना! कैसे वहां के लोग कभी सेना पर हमला तो कभी पत्थरबाजी कभी दुश्मन की छांव आखिर क्यों ? कौन है तेरा देश कहां तेरा गांव जो देता तुझे छांव घाव देते तुम उसे कुठांव […]