उत्सव का समय थाl गणेश जी को मैंने प्रणाम किया,तो बड़े अनमने भाव से उन्होंने कहा,-`खुश रहो।` मैंने कहा,-`प्रभु, लेकिन आप ज्यादा खुश नहीं हैं। क्या बात है? क्या आपको हमेशा की तरह नकली घी के लड्डू खिलाए जा रहे हैं? क्या हमेशा की तरह भक्तगण आपके नाम पर चंदा […]

अपना ही नुकसान हुआ, सच कहने पर ज्ञान हुआ। जिसकी जितनी भीड़ बड़ी, उतना वह भगवान हुआ। ‘राम रहीम’ कहा खुद को, फिर वो क्यों शैतान हुआ। जनसेवक फर्जी निकला, उसका ही कल्याण हुआ। मुझे देख तुम मुस्काए, यह भी इक अहसान हुआ। अंतकाल जब आया तो, पंकज का सम्मान […]

आँगन का टेढ़ापन कब तक दुहराओगे, नाचो जैसे भी हो अपनी ही थिरकन सेl तालों में बन्द करो कितनी ही कमजोरी, आखिर में बाहर तो आनी ही आनी हैl कितना ही मना करो स्वाभाविक भूलों को, स्वागत ही होता है मन से जब मानी हैl भारी तो बातें हैं बातों […]

तुमसे ही चलती हैं साँसें,तुम जीवन का आधार प्रिये, तुमसे ही जगमग जीवन है,तुम प्राणों का संचार प्रिये। तुम आओ जीवन में मेरे,मैं मानूँगा उपकार प्रिये, तुम तक ही सारा जीवन है,तुमसे ही ये संसार प्रिये। तुम बूंदें हो,तुम ही बादल,तुम ठंडी एक फुहार प्रिये, तुम तक ही सब रिश्ते […]

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मुझे क्यों भुला रहे हो,          दूर तुमसे जा रही हूँ.. क्यों नहीं बुला रहे हो,           अपनी मैं हूँ तुम्हारी.. पहले थी मैं सबको प्यारी,        बेजुबाँ तुम लोग थे जब.. बोलना मैंने सिखाया, बहन देवनागरी ने कैसे लिखना है […]

चाटुकारों का ही जलवा दिखता है, उनके हिस्से में ही ‘हलवा’ दिखता है। आप करते हैं प्रदर्शन कुछ नहीं, हम करें तो उसमें ‘बलवा’ दिखता है। आपके आँसू दिखे अखबार में, किंतु हमको एक ‘छलवा’ दिखता है। शोषकों की ज़िन्दगी है सुर्ख़ियों में, अपना तो झुलसा ही ‘तलवा’ दिखता है। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।