गुजरता हूं उसके आगे से तो आंखो में, वो जिंदगी का मंजर याद आता है!जिस पल को मैं बहुत पीछे छोड़ आया, वो यादों का समंदर याद आता है!!आज भी वो दौर मेरे सपनों में आकर, मेरे दिल को लुभा जाता है!यार वो मेरा स्कूल आज भी, मुझे बहुत याद […]

या रब….! किस्सा सच्चा है क्या जीवन एक खिलौना है क्या…!! नील गगन की……., सैर करा दे ऐसा कोई…., चारा है क्या….!! पूछ रही….., मन की अभिलाषा तारा कोई…., टूटा है क्या…..!! दरवाज़े पर…., दस्तक़ कैसी….? देखो अल्हड़ पुरवा है क्या…..!! झूठ दिखाई…, देता जो सच….! इन आँखों पर पर्दा […]

प्यारे-प्यारे देश की हम आन-बान-शान हैं, सीना ताने सरहदों पे भारती जवान हैं। हम कदम-कदम करेंगे देख-भाल रात-दिन, हाथ में लिए तिरंगा इसके पासबान हैं॥ कोई ग़म नहीं है जान जाए इसके वास्ते, हम हथेलियों पे ले के फिरते अपनी जान हैं॥ एकता की ताकतों से हौंसला बुलंद है, मातृभूमि […]

बिन मेहनत के कभी कोई सुंदर संसार नहीं होता, आधे मन से जीवन का यह रस्ता पार नहीं होता। प्यार हमेशा निर्मल मन की एक अमानत है यारों, बिन इसके इस जीवन का कोई आधार नहीं होता। ऊपर वाले को धोखा देने से बात नहीं बनती, नकली हो आराधन तो […]

अगर सैलाब उतरा तो किनारा हम भी देखेंगें, तुम्हारे हुस्न का दिलकश नज़ारा हम भी देखेंगें। हटा दो ज़ुल्फ की काली घटा को अपने चेहरे से, चमकती चाँदनी,रौशन सितारा हम भी देखेंगें। जिसे कल तक तुम्हारी चाहतों का ही सहारा था, उसे कैसे किया है बे-सहारा,हम भी देखेंगें। सुना है […]

जग में खुशी के दीप जलाती हैं नारियाँ, घर-घर से अँधेरों को भगाती हैं नारियाँ। आँगन की ये शोभा हैं,घरों की हैं लक्ष्मी, जीवन को स्वर्ग जैसा बनाती हैं नारियाँ। उनकी सुनाई देती हैं हृदय में धड़कनें, उपवन में हर कली को खिलाती हैं नारियाँ। शक्ति पर इनकी गर्व है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।