मैं किस हद तक जाउंगा, ये खुद नहीं जानता, किस मोड़ और रास्ते से जाउंगा,नहीं जानता। आने और जाने से क्या फर्क पड़ेगा किसी को, आवाज की दुनिया में किसी को नहीं जानता। परदा नहीं किसी से,जो मुँह फेर लूँगा बातों से, किसी से क्या गिला और शिकवा,नहीं जानता। दूर […]
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दरिया बहती… बढ़ती जाती… पल-पल एहसास कराती, नदियों से मिल.. खिल लहरों से, नव सागर एक दीप्त बनाती…। कभी थमना तो,तेज बहते जाना… जीवन का खेल सिखाती मुस्कुरा खुशियों से.. गमों में यूँ गुनगुना, कल..आज-कल… क्या हुआ,अब होगा क्या..? अनुरागी-वैरागी मन… रचती जन्म-जन्मान्तर… जागृत पुण्यों को करती। रागिनी बन दिल […]