तकनीक के विकास और इसके बढ़ते प्रयोग ने जिंदगी की रफ़्तार इतनी तेज कर दी है कि,एक पल के लिए तो इंसान समय से भी आगे निकलने की कोशिश करता है। भविष्य देखने की यह चाहत मानो सच साबित हो सकती है,अगर वैज्ञानिकों की मानें तो,क्योंकि वे ऐसी तकनीक के […]

है नापाक  इरादे  तेरे,                     यह करतूत तुम्हारी काली है, हो नाजायज औलाद बगल की,                         हरकत नामर्दों वाली है। हिम्मत न थी लड़ पाने की,         […]

1

वो भी क्या समय था,जब सारा दिन हम तेरी यादो में खोया करते थे। वो भी क्या रातें थी,जब हम तेरी यादों के बिछौने पर सोया करते थे।। जब हम मिले थे,आसमां ने भी खुशियों के मोती हम पर बरसाए थे। एक-दूसरे की बाँहों में हम,जीवन बिताने के सपने संजोया […]

इंसान भी वही है, भगवान वही है, हरहाल में हम सबका कदरदान वही है। जो छांव तले अपने, गरीबों को शरण दे.. सच मानिए तो गांव का, प्रधान वही है।                                         […]

सच की हिम्मत पा के लिख, अपनी जिद में जा के लिख। रक्त सभी का जाम हुआ, अब तो आग लगा के लिख। राणा-सा है बल तुझमें, घास-रोटियाँ खा के लिख। बहुत फूल बरसाए हैं, अब तलवार उठा के लिख। स्याही कम पड़ जाए तो, अपना खून बहा के लिख। […]

हक़ आम आदमी का जब भी मारा जाएगा। तख़्त से फिर तो आपको भी उतारा जाएगा। लूट लोगे आप अगर राहों में रोशनी हमारी, काफ़िला मशालें जलाकर गुज़ारा जाएगा। सोच लें एक बार फिर से हमसे लड़ने वाले, हम तो हैं ख़ाली हाथ,क्या हमारा जाएगा। लगेंगी बंदिशें जब-जब हमारी ज़बानों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।