. *1* हाँसी,खाँसी खो दिया,कितरा ही परिवार। साँसी बात शराब री, डूब गया घर बार। डूब गया घर बार, गरीबी घर मैं छाई। दारू को है शौक, मिलै नहि घर में पाई। कहे लाल कविराय, यही कंठा री फाँसी। कर शराब को त्याग,करै ली दुनिया हाँसी। . *2* दारू दुख दारिद्रता, दुश्मन […]