दूसरों के गम मिले तो बाँटिए। नेकियों के बीज बोते जाइए।। क्यों अँधेरों में भटकते रात दिन। खोल के दिल रोशनी में जाइए।। लौट कर तीर-ए-ज़ुबाँ आता नहीं। जहर बातों में न अपनी डालिए।। ज़िंदगी खुद रंगों से भर जाएगी। इक दफा तो दिल लगा कर  देखिए।। जिंदगी का है […]

मेरी मोहब्बत से जब ये, तेरा दिल भर जाएगा। तुझसे दूर होकर जब ये, दिल आंसू बहाएगा।।  हर ज़र्रे में,हर लम्हें में,  तेरा अक्स नज़र आएगा।। दूर रहकर फिर भी, तेरा ख्याल आएगा।। बैचेनी के लम्हों में बस, नाम ए वफ़ा गुनगुनाऊंगा।। मैं फिर भी तुमको चाहूंगा मैं फिर भी […]

  आज पहला दिन है गर्मियों की छुट्टियों का,एक अजब-सी बेफिक्री भी है,और गजब की फिक्र भी। बेफिक्री इस बात की कि,घड़ी का अलार्म बजने से पहले ही आंख खोलकिचन में घुसकर बच्चों के लिए दूध बनाकर देना,स्कूल का टिफिन बनाकर रखना। उफ्फफफ्,ये टिफिन में क्या  बनाकर देना है! यदि […]

  पहले मैं किताबें पढ़ता थाl पलटता था पन्ने सफेद काले कभी मटमैले से, नींद में भी उनींदा-सा पढ़ता था। होते थे उसमें राजा-रानी के किस्से और महल में चलते षड्यंत्र, राजकुमारी और राजकुमार करते थे प्रणय निवेदन भी, पहले मैं किताबें पढ़ता थाl उत्तुंग शिखरों से सज्जित भारत माँ […]

देश के प्रतिष्ठित गणेश शंकर विद्यार्थी पत्रकारिता पुरस्कार से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के हाथों दिल्ली में प्रसिद्ध पत्रकार राहुल देव को सम्मानित किया गया। राहुल देव ने पत्रकारिता की शुरूआत १९७९ में स्नातकोत्तर पढ़ाई के दौरान लखनऊ में ‘दि पायोनियर’ से की थी। इस तरह वे आपातकाल की छाया से ताजा-ताजा मुक्त […]

मान लो,सम्मान लो, उन्वान लो, युद्ध जल बिनु ही छिड़ेगा जान लो। मान मत खुद को सिकंदर, बढ़ रहा देखो समुंदर, सिसकती धरणी पुकारे- घट रहा जल,रोज अंदर। आ रहा संकट निकट, संज्ञान लो, युद्ध जल बिनु ही छिड़ेगा जान लो। मेघ अलसाने लगे हैं, पेड़ कुम्हलाने लगे हैं, सूखते […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।