न रस है,न छंद हैं,न ही अलंकार हैं। कुछ शब्द ही हैं,जो जीवन का सार हैं॥ न दोहा,न चौपाई,न ही कोई छंद हैं। कुछ मुक्तक हैं,वह भी बस तुकबंद हैं॥ जीवन की सच्चाई,को लिख देता हूँ। जो भी मन में आए,बस कह देता हूँ॥ मुझे समझ नहीं,क्या होती व्याकरण है। […]
दर्द में भी मुस्कराकर, दुख छुपाना चाहिए, हो कोई भी ‘परेशानी’ खुद पार पाना चाहिए। आ गए हों प्यार करने के तरीके यदि सभी, रख कवच सिर पर ससुर के पास जाना चाहिए। भा गई है आपको धनवान की बिटिया अगर, लाज तजकर उसके कुत्ते को खिलाना चाहिए। सीखना है […]
वफ़ा की राह को देखा नहीं है। मुहब्बत को अभी समझा नहीं है॥ किसी के प्यार की खातिर अभी तक। मिरा जीवन कुंवारा-सा नहीं है॥ किनारों पर ही रहता है हमेशा। तूने नजरों पर उतारा नहीं है॥ मिरे सब ख्वाब मां के चरण में है। तूने मां को अभी पाया […]
छमाछम हो रही बारिश, महक आती चकाचक है। कहीं पर हो रही टिप-टिप, कहीं होती टपाटप है॥ महक बनकर मिट्टी की सनम दिल में तुम समा जाओ, तुम्हारी याद में दिल में सदा होती धकधक है॥ […]
आदमी एक चिपकू पदार्थ है,जहां मौका मिला चिपक गया। माइक में कोई फेविकॉल नहीं होता,गोंद नहीं होता,आकर्षण-सौंदर्य नहीं होता,दिखने में एक पाइप की तरह,आवाज कभी अच्छी-तो कभी खराब निकलती है और कभी बेसुरी,बकवास -सी लगती है,लेकिन आम से लेकर खास आदमी तक चाहता है-माइक मेरे पास रहे। लोग पिता को […]
फुदक-फुदक कर चलती है, पल में जगह बदलती है। इसकी सुन्दरता सबने जानी, गौरैया है चिड़ियों की रानी। कितनी छोटी,कितनी न्यारी, चीं-चीं की आवाज है प्यारी। कोई है भूरी,कोई सफ़ेद, प्रजातियां हैं इसकी अनेक। हर घर में रहने की है ठानी, गौरैया है चिड़ियों की रानी। छोटे-छोटे पर हैं इसके, […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।