रोज सुबह केवल, सूरज ही नहीं निकलता पहाड़ियों की ओट से एक गडरिया भी आता है, पगडंडियों पर काँधे पर लाठी लेकर सीना फुलाकर रेवड़ भूल न जाए रास्ता रखता वो चौकस निगाहें क्या सूरज भी ऐसी रखवाली करता है किरणों की।   दिनभर सूरज की, यात्रा के साथ चलती […]

हाल ही में एक खबर आई थी कि,वैश्विक स्तर पर दुनिया की सर्वाधिक प्रभावशाली १२४ भाषाओं में हिन्दी का १०वां स्थान है। इसमें यदि हिन्दी की बोलियों और उर्दू को भी मिला दिया जाए तो यह स्थान आठवां हो जाएगा और इस तरह इस सूची में कुल ११३ भाषाएं रह […]

नज़र मिलते ही मेरे दिल को फौरन कर गया घायल, तुम्हारी आँख का काजल,तुम्हारी आँख का काजल। तुम्हारी हिरनी जैसी चाल पर संसार मरता है, तुम्हें जो देख लेता है वही हो जाता है पागल। तुम्हारी ज़ुल्फ बिखरे तो मुझे महसूस होता है, उमड़ आया हो जैसे स्याह-सा बरसात में […]

धन्य-धन्य भारत की सेना, भारत के हर वीर जवान। दस बंकर को नष्ट किए हैं, नानी याद करे शैतान। अमन चैन की बात न  समझे, हत्या बस जिनका है काम। वो क्या समझे मानवता को, मजहब को करते बदनाम। नज़र उठाए जो भारत पे, उसको झट फोड़ो अब आँख। आतंकी […]

हम पर है अधिकार तुम्हारा, मेरे सपनों पर भी अधिकार तुम्हारा देना अगर मुझे तुम फिर तो लौटा देना वो प्यार हमारा। मैं सांसें भी लेता हूँ तो तुम्हारी इजाजत लेकर के, द्वार तुम्हारे आऊंगा बस एक शिकायत लेकर के। प्यार मोहब्बत का रिश्ता न निभाना तुमको आया, तुम्हारी इस […]

ये तूफान के पहले की शांति है या आंधी के बाद का सन्नाटा? हकीकत चाहे जो भी हो लेकिन उम्मीद जो तुमने जगाई, उसके बाद सन्नाटे का ये आलम ऐसा लगता है जैसे मंजिल तो मिली पर चैन नहीं, पूछो अपने आपसे कि यहाँ  बैचेन कौन नहीं। जंग समाप्त होने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।