भानु तपे या हो प्रबल, सावन की बौछार। किंतु न छोड़ें प्राण ये, पवनपुत्र का द्वार।। विनय,भक्ति गुण,साधना, नहीं हमारे  पास। पर  मारुति  की कृपा  पर,बना अटल विश्वास।।                                             […]

कूकर कौआ लोमड़ी,ये होते बदजात। लठ्ठ से इनको मारिए,तब ये सुनते बात। तब ये सुनते बात,पाक है लोमड़ ऐसा। छाती पर हो लात,बिलखता कूकर जैसा। कह सुशील कविराय,मिटा दो पाक का हौआ। घुसकर मारो आज,भगा दो कूकर कौआ। सीमा पर सेना लड़े,घर उजाड़ें गद्दार। कश्मीर में केसर जहर,कैसे होय उद्धार। […]

आज कहूँ अंतर की बात, गुजरा जीवन गहरी रात। धीर छूटता नीर बरसता, चुप ज्यूँ भोर की उजास चुभते भूले से व्याघात, आज कहूं अंतर की बात। नीरस वाणी सूखी आशा, गहरे छुपी प्रेम पिपासा अपनों से मिले आघात, आज कहूं अंतर की बात। साथी जीवन बीता आधा, बिन जाने […]

धीरे-धीरे जीवन बीता। आज तक नहीं लिख पाया एक कविता।। कविता जो व्याप्त हो जाए, संसार में समा जाए मानव की रग-रग में हर समय जिसके शब्द कानों में गूँजे छा जाए हर किसी के मनोमस्तिष्क में। हृदय को टटोले हाथ उठे उसके आदेश से पैर चले उसकी राह, पेट […]

किसी बेदर्द से जज्बात का इजहार मत करना, भले ही दाब कर भेंटे कभी व्यवहार मत करना, बड़ा आसान-सा है आजकल दिल से भुला देना.. कभी भी हुस्न पर ‘नीरव’, किसी से प्यार मत करना । तुम्हारा नाम सुनते ही, हमारी आंख भर आई.. तुम्हारी बेवफाई चोट बनकर फिर उभर […]

एक वहाँ है अम्बर में, और एक यहाँ है धरती पर, ये ओट छिपा है घूँघट की, वो ओट छिपा है बदली की, कहो कैसे कि मैं दीदार करूँ,दिल का अपने इजहार करूँ, मेरे सामने आता है वो नहीं, मेरा चाँद बड़ा शर्मिला है। एक नीली चुनर को ओढ़े है,एक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।