कभी खो न जाए तुम्हारा, मुझ पर है जो विश्वास, करती हूं कोशिश सदा, देश,काल,परिस्थितियाँ नहीं देती साथ। तुम्हारा विश्वास ही तो है,जो आज भी फ़िक्र करते हो मेरी, और मेरा,मेरा विश्वास भी तो देखो,किया न तुम पर अटूट। कुछ भी हुआ,पर उसे न टूटने दिया हमने, सभी की नजरों […]

बेटी जब होश संभालती है, स्वछंद उड़ान भरना चाहती है.. पापा-मम्मी दादा-दादी भाई-बहिन के साथ घर में खुशी से रहती है। नाना-नानी, मामा-मामी के घर भी रहना चाहती है, हमजोली बच्चों के साथ खेलकर खुश रहना चाहती है.. खुशियों की उड़ान भरना चाहती है। पापा-मम्मी के पास तो बच्चे, हमेशा […]

अगर श्रद्धा है तो सिंदूर लगा एक पत्थर भी भगवान बन जाता है,और उस पर जब विश्वास हो जाए तो यकीन मानिए, जीवन के हर पल में सुख दुःख में वो आपके साथ होगा। जब भी कहीं आपके कदम गलत बढ़ेंगे,उस वक़्त जिस पत्थर से ठोकर लगकर आप सम्भलोगे,यह वही […]

मन की कली मन में खिली तो गाँव-गाँव वो चली, थोडी़-सी थीं यादें मेरी वो भी पाँव-पाँव चली। सफर जो धूप का किया तो एक तजुर्बा-भी मिला, वो जिन्दगी-भी क्या भला, जो सफर छाँव-छाँव चली। नजर अगर थोड़ी झुकी तो मन की आस भी बंधी, अगर नजर थी प्यार की […]

उस दिन मैं सुबह सोकर उठी तो मैंने देखा कि मेरी बालकनी में एक चिड़िया चहचहा रही थी-चिरर..चिरर.. चिरर..। मैंने जाकर देखा तो वो नीले रंग की छोटी-सी चिड़िया थी, जिसके पंख पर सफेद रंग का डॉट था। मैं जल्दी दौड़ कर अंदर गई और कटोरी में पानी और दाना […]

इस तरह रिश्ता निभाना चाहिए, आपको भी आना-जाना चाहिए। हम अगर मुस्का रहे हैं तो प्रभो, आपको भी मुस्कराना चाहिए। लोग ज़िंदा हैं अगर तो ठीक है, रास्ता खुद ही बनाना चाहिए। ज़िंदगी तो मुश्किलों का नाम है, फिर भी हमको गुनगुनाना चाहिए। सत्य कहने में बड़ा जोखिम मगर, वक्त […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।