घूम लो गाँव,खेत-खलिहान…, लौटकर घर ही तो आओगे। शहर की चकाचौंध में रह लो…, जुगनूं से मिलने तो आओगे। पंखे,एसी का आराम ले लो…, एक दिन तो सड़क पर आओगे। पेड़ों की शाखाएं तोड़ डालो…, चिता पर लकड़ी न पाओगे। अवरोध रास्तों पर तो होंगे ही…, रोज चलोगे तो सुकून […]
कुछ भ्रान्तियाँ औ क्रान्तियाँ,ले जा रहीं भव दरमियाँ; भ्रम की मिटाती खाइयाँ,श्रम कर दिखातीं कान्तियाँ। हर किरण ज्योतित भुवन कर,है हटाती परछाइयाँ; तम की तहों को तर्ज़ दे,तृण को दिए ऊँचाइयाँ। छिप कर अणु ऊर्जित रहा,पहचाना ना हर से गया; हर वनस्पति औषधि रही,जानी कहाँ पर वह गई ! हर […]
वह पैदा होगा निश्चित ही, जिसको पैदा होना होगा। पर नफरत बोने वाले को, हर हालत में रोना होगा। सद्भाव-प्रेम का बीज कभी, इस धरती पर बोकर देखो- भारत की ऐसी माटी है, बंजर में भी सोना होगा॥ […]
भौतिकता की चकाचौंध में, दूर कहीं बहुत दूर छूट गई है नैतिकता की, नर्म,मुलायम,धवल चांदनी। दॊलत,शोहरत पद-प्रतिष्ठा, सम्मान के झूठे अहंकार से चौंधियाई आंखें सादगी सरलता, साफगोई और सदाशयता को देखना ही भूल गई है। प्रेम,दया, सहानुभूति, ईमान-धरम, रिश्ते-नाते आपसी भाईचारा,इन्सानियत और परोपकार को देख […]
धीरे-धीरे कई नकाब,चेहरों से उतर गए। धीरे-धीरे कई बरस जीवन के,चूहे कुतर गए॥ बढ़ता गया दर्द न राह मिली,न राहत ही मिली। जीवन की उहापोह में,कभी इधर कभी उधर गए॥ सूरज की तपती रश्मि ने कभी जगाया था हमें। लेकर चाँद को बाँहों में,सूनी राहों से गुजर गए॥ #दशरथदास बैरागी […]
तेरी नजर-सा एक मैकदां चाहिए, जिंदगी में तुझसा ही नशा चाहिए॥ कत्ल हो जाते तेरी एक नजर से, जिंदगी भर साथ मय-सा चाहिए॥ नहीं किसी मंजिल की तलाश मुझे, हर कदम हमसफर तुझसा चाहिए॥ हसरतें हो जाएंगी पूरी सारी अब, ‘मनी’ को सनम आसरा चाहिए॥ रहनुमा बन गए अब तुम […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।