भगवान प्यार करते है उन्हें जो भगवान को याद करते है ईर्ष्या, द्वेष, वैमनस्य दुर्गुणों से जो स्वयं को दूर रखते है कथनी करनी मे भेद मिटाकर मन के अंदर का मैंल हटाकर चिंतन परमात्मा का करते है जो सबके भले की सोचते है दुसरो की सेवा में जुटते है […]

जल की एक एक बूंद कीमती बहुत है भाई इसको बचाने के लिए बार बार प्रयत्न हो भाई जल का व्यर्थ बहना कभी अच्छा नही होता दरिया को गन्दा करना कभी अच्छा नही होता जीवन के लिए जैसे प्राण वायु जरूरी है जीने के लिए वैसे ही जल भी बहुत […]

बलिदान तुमने किया देश पर अहसान तुमने किया देश पर खून का एक एक कतरा देकर प्रण अपना निभाया देश पर दुनिया के नक्शे को बदलकर बंग्लादेश को दुनिया मे लाकर दुश्मन देश को धूल चटाकर अमर हो गई दुर्गा कहलाकर बीस सूत्रीय कार्यक्रम बनाया धरातल पर विकास कराया एकता,अखण्डता,भाईचारे […]

घर घर मे रावण पैदा हो गए किस किस को जलाओगे सत्ता छोड़ जो वन को जाए ऐसा राम कहां से लाओगे पहले अपने अंदर झांक लो कितने रावण मन मे बसे है पहले उन्ही रावणो को मार लो जो रावण तुम्हारे पास खड़े है काम,क्रोध,मोह,लोभ,सब अहंकार में लिपटे रावण […]

संतान वही जो सेवा करती माता पिता का ध्यान रखती उनकी हाँ में हाँ ही मिलाती उन्हें कभी न आंख दिखाती उनके सामने सिर झुकाती उनका सदा मान बढाती सामने उनके बच्चा बन जाती डांट पर भी सहज मुस्काती मरने पर भी न भूल पाती उनके नाम को आगे बढाती […]

परमात्म यज्ञ भी प्रभावित हुआ आदमी ही आदमी से दूर हुआ ईश्वरीय विद्यालय में पढ़ाई नही परमात्म वाणी किसी ने सुनाई नही सत्संग को भी तरस गए है हम सेवा के लिए नही जा पा रहे हम जो मुरली में बताया वही हो रहा है आदमी ही आदमी को खो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।