साल पहले जब टीवी धारावाहिक के कारण पहचाने जाने वाले गजेंद्र चौहान को फिल्म एन्ड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) का अध्यक्ष बनाया गया था,तब फिल्मी दुनिया ही नहीं,अन्य क्षेत्रों से भी इस नियुक्ति पर आश्चर्य और विरोध व्यक्त किया गया था। सूचना प्रसारण मंत्रालय ने अब अनुपम खैर को […]

नहीं बिखरा कभी भी वक्त की इन आँधियों से मैं, मगर क्यूं तोड़ देती हैं तुम्हारी सिसकियाँ मुझको। जु़दाई के समय मैंने कहा था-याद मत करना, ख़बर फिर याद की क्यूं दे रही हैं हिचकियाँ मुझको। दिखाई मैं दिया तुमको वहाँ तक एकटक देखा, बताती हैं तुम्हारे साथ की कुछ […]

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तुम्हारी नज़र का इशारा मिलेगा, तो टूटे दिलों को सहारा मिलेगा। मेरे दर्द को जब किनारा मिलेगा, मुझे जीने का फिर सहारा मिलेगा। खुदाया मेरे मैं जो मझधार में हूँ, कभी मुझको भी क्या किनारा मिलेगा। कभी अजनबी रास्तों में कहीं तो, मुझे मंज़िलों का इशारा मिलेगा। हमेशा अँधेरों से […]

जब ऊँच-नीच का भेद रहा हो, सुनती सत्ता,चापलूसों का कहा हो पक्षपात की नीति बनी हो, व्यवस्थाएं भ्रष्टाचार से सनी हो, अब भी झूठा भाषण प्रधान रहा जो था शोषित-वंचित कल, वो वैसा ही आज रहा बोलो तुम कब तक यूँ ही, स्वप्न शीश महल का दिखलाओगे। बोलो कुछ तो, […]

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हालातों की बेड़ियों से बंधा, ‘बंदा ‘वो बड़ा मजबूर  है। बहना के ब्याह की चिंता से, वो आज घर से बहुत दूर है। ज़ख्म पर नमक डालकर, उसके घाव को हम करते नासूर हैं। बाल बिखरे,कपड़े व्यवस्थित नहीं, तो समझते उसको हम धूर्त हैं। रहन-सहन में परिवर्तन करे तो कहते […]

 ‘नजर’ तुम कृपा की हमसे ना फेरो, हे कृष्ण माधव  माेहन  मुरारी। हे दीन बंधु अमित करूणा सिन्धु, गूंजे मन में हरदम बंशी तुम्हारी॥ चाहत से राहत दो मन को हे माधव, मिटे मलिन  विषयों की खुमारी। चंचल चपल मन को तुम ही भाओ, कर सकूं अनन्य भक्ति गिरधारी॥ मुख […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।