परिचय : श्रीमती राजेश्वरी जोशी का निवास अजमेर (राजस्थान) में है। आप लेखन में मन के भावों को अधिक उकेरती हैं,और तनुश्री नाम से लिखती हैं।
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बैचेन निगाहें तुम्हें ढूंढ रही है,
कब आओगे कान्हा !
ये पूछ रही है
चढ़ ऊँची अटारी,
राह निहारी तुम्हारी
आ गया बसंत..
अब बारी है तुम्हारी,
मिन्नतें कर-कर मैं तो हारी
तुमसे,
शरण ले लो अपनी बांके बिहारी
मैं तो जनम-जनम की प्यासी दासी तुम्हारी,
आ गया बसंत भी अब,
बारी तुम्हारी
छटा छा गई बसंती,
पीले फूल खिले क्यारी-क्यारी…
आ भी जाओ की अब बारी है तुम्हारी।
#श्रीमती राजेश्वरी जोशी
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