ये जो भोजन की थाली है, हर समय लगती क्यों मुझे खाली-खाली है। मैं भूख से बिलखता सदा, रोटी मिलती क्यों यदा-कदा। देखो-देखो मेरा हाल, भूखा क्यों आज किसी मां का लाल। अंतड़ियां मेरी सूख गई, भूख मुझे ही क्यों लग रही। मुझे तो चांद भी अब रोटी लगता है, […]

इस बार सरसों की फसल अच्छी होगी सरसों के पीले फूल खिल रहे हैं बौर भी अच्छा ही आएगा फिर भण्डार भर जाएगा। सरसों के फूलों की खुशबू बता रही है, अच्छे शगुन ला रही है गीत पुरवाई संग गा रही है बहारें इस बार तो होंगी जरूर ईश्वर कभी […]

प्रेम प्यार की वो पुजारन अंखियों की वे नूर, ले आया था भर मांग उनकी ‘एक चुटकी सिन्दूर’। आने से महक उठा था देखो घर-आँगन, जीत लिया था उसने, सबका देखो मन, श्रृंगारित हो ललचाती मुझको, हंसमुख सुहागन, हम सबको नाज था उस पर देखो भरपूर, ले आया था भर […]

मदमस्त हाथी अब डोल रहा, अपनी भाषा में कुछ बोल रहा। दब गई मंशाएं हर जगह जब, वो हाथ-पैर अपने खोल रहा। मदमस्त हाथी कुछ बोल रहा…..। दिखी न जब कहीं कुछ आस उसको, वो वर्षों से सब देख रहा उठ खड़ा हुआ देखो हुंकार जोर की भर रहा लगा […]

आदमी एक चिपकू पदार्थ है,जहां मौका मिला चिपक गया। माइक में कोई फेविकॉल नहीं होता,गोंद नहीं होता,आकर्षण-सौंदर्य नहीं होता,दिखने में एक पाइप की तरह,आवाज कभी अच्‍छी-तो कभी खराब निकलती है और कभी बेसुरी,बकवास -सी लगती है,लेकिन आम  से लेकर खास आदमी तक चाहता है-माइक मेरे पास रहे। लोग पिता को […]

 शहर में पांच दिन से चला आ रहा समारोह आज दो हत्‍याओं,सौ से ज्‍यादा घायल और पीएसी की ३५  बटालियन की उपस्थिति में शांतिपूर्वक समाप्‍त हो गया। अभी-अभी जारी स्वच्छ भारत सूची के तहत मेरे शहर को कोई स्थान नहीं मिला। रेडियो,टी.वी. और अन्य चैनलों ने मेरे शहर का उल्लेख […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।