तुम्हे दिल मे बसाना सीखा है रिश्ता हमने निभाना सीखा है रूठ जावो आदत तुम्हारी है हमने तो तुम्हे मनाना सीखा है गीत गज़ल कविता में ढा लूंगा मैंने अक्सर वही तराना सीखा है गम को समझ पाना आसान नहीं दर्द को मैने छुपाना सीखा है मिले राह कोई,गले […]
बुजुर्गों का बड़ों का सम्मान कर लेना नसीहत हमको देते है मान कर लेना उनकी दुआओं से चलते हैं खड़े होते हमारा वो सहारा है अभिमान कर लेना अगर वो नहीं होते मंजिल नहीं मिलती लगालो तुम गले से और मुस्कान कर लेना बचपन में खिलाया है काँधों पर उठाया […]
प्यार करने वाले तकरार क्या जाने इजहार करने वाले इनकार क्या जाने मोहब्बत सीखी न हो जिसने यारों दिल होता कितना बेकरार क्या जाने जो परवाह करता न हो किसी की भी रोता है किसी का दिल धार क्या जाने तिरंगे का दिल मे सम्मान है कितना मिटा दो तुम […]
हमे किस तरह आजमाते मिले हमसे प्यार किया हमसे छुपाते मिले अदब से तुम्हारा नजरें झुका देना हर अदाओं से मुझको लुभाते मिले दिल मे चाहत रखा कहा भी नहीं दिलकश अदाएं और मुस्कुराते मिले शर्मीली सी तुम और नीची निगाहें जब तुम […]
आदमी परेशान दिखता है। बिक रहा ईमान दिखता है। बिखरते हुए सपने दिखे, मिट रहा अरमान दिखता है। कदर करता नही जज्बात की, आदमी यहां हैरान दिखता है। अपनापन जताए भी तो किससे, शख्स यहां अनजान दिखता है। अपनों ने ही बेगाना बना दिया ‘सागर’ जीना नहीं आसान दिखता है। […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।