पल-पल यह दुआ करें अमीर- गरीब । दो  जून  की रोटी हो   हमारे  करीब ।। सच है  भूखा  उठे पर भूखा सोय नहीं । भला कैसे भूखा रहें जब  साथ हैं नसीब ।।         #गोपाल कौशल परिचय : गोपाल कौशल नागदा जिला धार (मध्यप्रदेश) में रहते हैं और […]

चलो पापा  चलो स्कूल, चलो मम्मी चलो स्कूल। आ गया अप्रैल महीना, खुल गए सरकारी स्कूल।। हमारी मंजिल है स्कूल, जहाँ खिलते  नन्हें फूल। दखिला  कराने  हमारा, चलो   सरकारी  स्कूल।। मिलती आनंदमय शिक्षा, मिलता भोजन और दूध। मिलती गणवेश, छात्रवृत्ति, पाठय  पुस्तक नि:शुल्क।। सीबीएसई पैटर्न से हो रही, सरकारी स्कूलों […]

देशप्रेम एवं बाल साहित्य के उत्तम कवि ,मालवमाटी के गौरव  बालकवि बैरागी जी ” दादा ” को सादर श्रद्धांजलि मालव  भूषण को कैसे कहें हम अंतिम प्रणाम । जी गए जीवन के क्षण लेकर भगवान का नाम ।। हम दो   –  हमारे दो का जन-जन को दिया नारा । छोटा […]

  मेरे  सर  पर बांध माँ कसकर पगडी । हाथ में दे -दे एक मजबूत   लकडी ।। मेरी संस्कृति की पहचान है पगडी । देश  की शान है सम्मान है पगडी ।। फैल  रहा आंतक कर  रहे  गडबडी । करुं  शत्रुओं  की मैं  पिटाई  तगडी ।। मेरी मूंछों पर […]

बच्चों मानव अंगों में छिपे हैं, ज्यामितीय आकृति के राज। कान लगे जैसै  हो अर्धवृत्त, बिंदु जैसी बनी प्यारी आंख॥ त्रिभुज  जैसी  बनी है  नाक, वक्र  रेखा-सी  लगे पलक। वृत्त जैसा लगे हमारा चेहरा, शंकु जैसे लगे सिर के बाल॥ रेखाखंड  जैसे  लगे  पैर, समानांतर चतुर्भुज हाथ। आयत-सी  बनी काया, […]

सर्दी ने मचाई गुंडागर्दी, पहनकर शीतलहर की वर्दी। क्या बच्चे-बूढ़े,क्या जवान, थर-थर कांप रहे ऐसी सर्दी॥ दूध संग पीएं खारक-हल्दी, शरीर रहे बच्चों सदा हेल्थी। गरमागरम जलेबी,गराडू भी, खूब भाते आती है जब सर्दी॥ मम्मी कहे सो जा बेटा जल्दी, रजाई,कंबल है हमारे हमदर्दी। सूरज दादा भी लेट हो जाते, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।