सदा सत्य के साथ चलो मन का मैल साफ करो जीवन मे पुरुषार्थ करो परमात्मा को याद करो जीवन प्रगति हो जायेगी खुशहाली घर आएगी गैर भी अपने हो जायेगे प्यार ख़ूब बरसायेंगे बस इतना सा ध्यान करो कतई अभिमान न करो धरातल पर रहना सीखो स्वमान को अपनाना सीखो।#श्रीगोपाल […]

तुम द्रष्टा बनकर रहना सीखो विचलित कभी न होना सीखो जो हो रहा है अच्छा हो रहा है इस सत्य को स्वीकारना सीखो दुःख सुख प्रारब्ध की देन है आते जरूर येन केन प्रकारेण है फिर दुःख सुख से घबराना कैसा मन को अस्थिर करना कैसा जो होना है वह […]

जिसका डर था वही हुआ किसान क्यों हिंसक हुआ शर्मनाक है हिंसक होना लालकिले में दाखिल होना लालकिला देश की आन है यही तिरंगे की पहचान है जिसने हिंसा की दंड मिले राष्ट्र एकता का सबक मिले आंदोलन अहिंसक ही अच्छा जन जन हो जिनमे सच्चा मिल बैठकर सब बात […]

मतदाता दिवस पर ले लो बड़ा संकल्प वोटर बनना लाज़मी यही है बड़ा विकल्प देश के नागरिक हो निभाओ अपना फ़र्ज वोटिंग बूथ पर जाकर नाम कराओ अपना दर्ज फिर जब भी होंगे चुनाव नेता करेंगे तुमको याद एड़िया रगड़ेंगे चोखट पर वोट की करेंगे फरियाद देश के भविष्य की […]

हर दिन हमारा शुभ है जब तक रहे प्रभु याद प्रभु ही है पिता हमारे फिर क्यो करे फरियाद पालन पोषण करते प्रभु रखते हमारा ख्याल जन्म से पहले कर देते प्रभु भूख का इंतजाम हवा,पानी,अन्न,आश्रय दिया प्रभु ने हमे उपहार चाहिए ओर क्या हमको बस करे प्रभु से प्यार […]

परमात्म साधना की निर्धारित उम्र नही होती किसी अच्छे काम के लिए महूर्त की जरूरत नही होती बचपन मे भी हो सकता है किसी को ईश्वरीय बोध इसके लिए बड़े होने की आवश्यकता नही होती यह इंतजार नाकाफी है कि समय बहुत पड़ा है जीवन तो क्षणभंगुर है पल की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।