अब न वो सुबह होती है, न वो वैसी रात होता तो सब है मगर, अब नहीं रही वो बात। अब न वैसी गर्मी होती है, न वैसी बरसात होता तो सब है मगर, अब नहीं रही वो बात। अब न वैसे लोग मिलते हैं, न ही वैसे ख्यालात मिलते […]
हम वंशज हैं उस हिन्दू धर्मात्मा के, जो मृत्यु के बाद भी पितरों कॊ जल चढ़ाते हैं। और जीवित में ही नहीं, हम हिन्दू वरन मरने के बाद भी पितृभक्ति का धर्म निभाते हैं। कोई लाख उड़ाए उपहास सही, लेकिन, ये उपहास हरगिज नहीं हमें डिगाते हैं। करने को सेवा […]
बरसात हुई, हरियाली हरी हो गई पेड़ों पर जमी धूल धुल गई l अब पेड़ बिल्कुल, हरे ताजे हुए, नरम घास नमी से और भी आनंददाई हुई, पहाड़ हरे रंग के ढेर बने आसमान सफेद,नीला हो गया l नदियां लाल मिट्टी का लाल रंग ले, रौद्र रूप धारण कर बहने […]
रमेश बाबू ने खिड़की से पानी वाले से पानी लेकर पचास रूपए दिए व वापस तीस रूपए छुट्टे का इंतजार रहे थे कि, अचानक सिग्नल हो गया, ट्रेन चल दी। पानी वाला बाबूजी…. बाबूजी… चिल्लाता रहा,पर बाबू ये तो ट्रेन है सिग्नल के आगे शायद ही किसी की सुनती है। […]
भाई-बहिन के प्यार का दिन आया, रक्षाबंधन के त्योहार का दिन आया। भाई की कलाई पे बहिन बांधे रखी जिस दिन, वो दिन आया। सावन में घड़ी में सजे जब भाई बहिन के प्रेम की झांकी, वो दिन आया। राखी, रूमाल के व्यापार का दिन आया। रक्षाबंधन के त्योहार का […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।