मीत सुनो  प्रिय रचनाकार, कविता को दें नव आकार। लिख कवि देशधरा के गान, मात भारती  हित के  मान। लिखना  पहले  सीना तान, जय जवान,भारत सम्मान। पीर किसानी लिखना मीत, जय विज्ञान निभाती  प्रीत। देश   प्रेम   रचना   संगीत, इंकलाब   मत  वाले  गीत। जोश  जगाने    वाले  नाद, लिखने भगतसिंह आजाद। लिखना  […]

नमन शहीदों। वतन मुरीदों। मर मिट जाते। अमर कहाते। वतन सँभाला। बन रखवाला। अमिट निशानी। यह बलिदानी। बन उपकारी। वजह हमारी। तन मन वारे। अमन सँवारे। कसरत कारी। हम बलिहारी। नमन सु वीरों। सुत रण धीरों। पवन पुकारे। चमन निहारे। अमित जुबानी। अमर कहानी। सुजन  निराले। सरहद    वाले। हक  मत […]

बेटियां चकोर जैसी,चाँदनी को ताकने सी। चाहती  है  आगे  बढ़े,   इन्हे  तो  बढाइये। विद्यालय  मे भेजना, समय हो तो खेलना। घर  को  सम्भाले  सुता, खूब  ही  पढ़ाइये। रीत  प्रीत  व्यवहार, सीख  सब  संस्कार। भारती  की  आन  को, बेटियों  निभाइये। बेटियाँ ही होगी मात,लक्ष्मी दुरगा साक्षात। आज बात  मेरी मान ,सब  […]

.   …… देश  धरा  पर  संकट हो तब, रक्षक   वीर  करे   रखवाली। सैनिक के बल सोय रहे सुख, जीम  रहे  हम भोजन थाली। चौकस धीरज रखता सैनिक, शान   सपूत   रहे  वन माली। आन निभा कर मान रखे वह, रीत   शहीद  नई  रच  डाली। .   …… बारिश शीत सहे हिम आतप, […]

प्रहरी सजग सुजान,सदा सीमा पर रहते। शीत घाम बरसात,सभी हिम्मत से सहते। सोय  चैन से  देश, जगे  रखवाली  करते। प्रीत शहादत  रीत, वही बलिदानी  रचते। देश धरा का मान, रखे  जो जीवन देकर। कहते उन्हे शहीद,गये जो यश को लेकर। करता  वतन सलाम, सपूती भारत माता। मरे राष्ट्र के हेतु, […]

.     …..…. उत्सव  फाग  बसंत तभी जब मात महोत्सव संग मने। जीवन  प्राण  बना  अपना, तन माँ अहसान महान बने। दूध  पिये  जननी  स्तन  का, तन शीश उसी मन आज तने। धन्य  कहें  मनुजात  सभी, जन मातु सुधीर सुवीर जने। .     …..….. भाव  सुनो  यह  शब्द महा, जनमे सब ईश […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।