मैं केवल कोशिश करता हूँ, शब्द कलरवित  गाने  की। मैं केवल कोशिश करता हूँ, गंगाजल में नहाने की। कोशिश सदा यही रहती कि, प्यास बुझे  जमजम  जल से। मैं केवल कोशिश करता हूँ, गुरूद्वारा  में  जाने  की॥                           […]

हिन्दी के प्रसिद्ध कवि अजित कुमार का फोर्टिस अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गयाl वह ८६ वर्ष के होकर स्वास्थ्य समस्याओं के चलते कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती थेl अजित कुमार का जन्म उत्तरप्रदेश के उन्नाव में जमींदार परिवार में हुआ थाl उनकी मां सुमित्रा कुमारी सिन्हा,बहन […]

साँवरे बदरा बरसन लागे, प्रेम की बतियाँ करनन लागे। पुलक-पुलक देखो नाच रही वसुधा, मनवा से उड़ गई आतप की क्षुधा, धानी चुनरिया ओढ़ावन लागे साँवरे बदरा बरसन लागे। दादुर मोर पपीहा मिल बोले, दिलवा के भेद अबै सब खोले कोयलिया काली कुहुकन लागे, साँवरे बदरा बरसन लागे। ठुमक-ठुमक के पवन […]

साधन हीन, जनसंख्या विशाल.. लागे लगाम। होवे विकास, गुणात्मक संधान.. न नस्लवाद। हो हिन्दुस्तान, हिन्दुस्तानी इंसान.. हों साथ-साथ। देश विशाल, तत्परता विकास.. हों ऊर्जावान। कर्मकारी हों, सत्यमेव जयते.. हितकारी जो। भारत भूमि, जन-जन विकास.. कल्याण भव।                             […]

  महंगाई पर इसका न पड़े असर, सरकारी खजाने जाएं सब भरl  ऊपर पहुंच जाए विकास-दर, शुभ हो नव वस्तु सेवा करl  व्यापारियों के मन से निकले डर,  परेशानियों से सब जाएं उबरl  ग्राहकों की न कहीं टूटे कमर,  शुभ हो नव वस्तु सेवा कर। (साभार-वैश्विक हिन्दी सम्मेलन,मुंबई)     […]

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आज बुरा है, कल बद्तर होगा पर अगला दिन  शायद कुछ उजास हो, जब खिलेगी चुटकी भर धूप इस तमसित जीवन में आएगी बहार इस निर्जन के पतझड़ में, सुवासित हो जाएगी यह हृदय वाटिका  मोहक रंगीन पुष्पों से यह उम्मीद ही तो है जो गहन अंधेरों में भी एकाकी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।